श्री सनातन संस्कार सेवा समिति की ओर से आयोजित कथा में
सुजानगढ़ , स्थानीय भोजलाई बास में श्याम बाबा के मंदिर के पास चल रही श्रीमद्भागवतकथा के पांचवे दिन भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्री सनातन संस्कार सेवा समिति की ओर से आयोजित कथा में भगवान को सिर पर धारण करके वासुदेव लेकर कथास्थल पर पहुंचे तो श्रद्धालुओं ने नाचते गाते भगवान की भक्ति में जन्मोत्सव मनाया। कथावाचक स्वामी कानपुरी महाराज ने कहा कि जब-जब धरती पर पाप का बोलबाला होता है, तब-तब भगवान अनेकों रूप धारण करके पृथ्वी पर धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य जब परमात्मा हो अपनाता है, तब सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है। मनुष्य जब माया को अपनाता है, तो बंधनों में पड़ जाता है। इसलिए बंधन व मुक्ति का कारण हमारा मन है। मन अगर संसार में लगता है तो बंधन है और मन यदि ईश्वर में लगता है तो मुक्ति है।