जिलाध्यक्ष पवन मांवडिया, सांसद नरेंद्र कुमार व सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनिया ने
झुंझुनू, आज भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मांवडिया के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल जिला कलेक्टर से मिला जिसमें सांसद नरेंद्र कुमार व सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनिया उपस्थित थे। इन्होंने जिला कलेक्टर को राशन सामग्री किट वितरण में वार्डो में जाकर भौतिक सत्यापन करने की आवश्यकता बताई जिससे वास्तविक जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके। इसके साथ ही मध्यम वर्ग के कुछ ऐसे परिवार हैं जो सरकार की किसी भी योजनाओं के अंतर्गत नहीं जुड़े हैं जो पान की दुकान चाय की दुकान नाई की दुकान इत्यादि छोटा-मोटा काम करके अपना जीवन यापन करते हैं लोग डाउन को लगभग 15 दिन हो चुके हैं जिसके चलते इन परिवारों के सामने भी आजीविका चलाने का संकट खड़ा हो गया है। इनके लिए भी राशन व्यवस्था करने की मांग की तथा एक ही जरूरतमंद को दो तीन जगह से सहायता मिल रही है जिसके कारण से भी कुछ वंचित लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। बीडीके अस्पताल में चल रहे स्क्रीनिंग के कार्य पर भी ज्ञापन में सवाल उठाया गया है कि जो लोग दूसरे राज्यों से यात्रा करके आ रहे हैं जांच के लिए अस्पताल आते हैं उन्हें सिर्फ पूछताछ करके ही भेज दिया जाता है किसी भी प्रकार की जांच वगैरह नहीं की जाती है। पूरे शहर में जगह-जगह रेहड़ी, ठेलो पर लोग फल एवं सब्जियां बेचते बेचते घूम रहे हैं जिनका यह भी पता नहीं है कि यह लोग कौन हैं। इन लोगों की मेडिकल जांच करवा कर इनको फोटोयुक्त पहचान पत्र देकर फल सब्जी इत्यादि बेचने की अनुमति देने की मांग की गई है। इसके साथ ही जन सेवा में लगे विभिन्न संस्थाओं और भामाशाहो के नाम पर बड़ी संख्या में पास जारी किए हैं जिसके चलते कुछ लोग लॉक डाउन में व्यर्थ इधर उधर घूमते रहते हैं इनकी जांच करवा कर अनावश्यक जारी किए गए पासो को रद्द करवाने की मांग की गई है। बीडीके अस्पताल के कमरा नंबर 7 में जहां जांच की जाती है वहां उपकरणों का अभाव भी ज्ञापन में बताया गया है। इसके साथ ही बाकरा मोड पर पेट्रोल पंप के पीछे नोहरे में नेकी की रसोई चल रही है उसमें एक कार्यकर्ता का भाई कोरोना पॉजिटिव पाया गया है उसके बाद रसोई को बंद करवा दिया गया परंतु दो-तीन दिन रोज बाद ही रसोई को पुनः चालू करवा दिया गया है। एसडीएम झुंझुनू के बंद करवाने के बाद से जिला प्रशासन द्वारा उसे दोबारा शुरू करवा दिया गया है। इस मामले में भी रसोई में काम कर रहे कार्यकर्ताओं के स्वास्थ्य जांच के बाद ही रसोई चलाने की इजाजत देने की मांग की गई है।