भीम आर्मी एवं सामाजिक संगठनों की तरफ से
झुंझनू, भीम आर्मी एवं समस्त सामाजिक संगठनों की तरफ से भारत बंद के समर्थन में गांधी चौक से लेकर कोर्ट सर्किल तक रैली निकाली गई। रैली के संयोजक आयोजक विकी जाजोरिया ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण भारतीय संविधान द्वारा दिया गया मौलिक अधिकार है इसे हटाने पर दलित समाज चुप नहीं रहेगा। भीम आर्मी नगर अध्यक्ष प्रदीप चंदेल ने कहा कि नागौर में दलित समाज के दो युवकों पर किए गए अत्याचार को लेकर जल्द बड़ा आंदोलन किया जाएगा। मेघवंशीय समाज चेतना संस्थान के जिला संयोजक रामनिवास भुरिया ने बताया कि आरक्षण दलितों का मूलभूत अधिकार है जो उन्हें मिलना चाहिए। भीम सेना प्रदेश अध्यक्ष जया कटारिया ने बताया कि दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर हम चुप नहीं बैठेंगे। दिलीप अग्रवाल ने बताया कि पदोन्नति में आरक्षण जल्द सरकार को वापस लेना पड़ेगा। टीम एफर्ट्स सदस्य व आवाम ग्रुप अध्यक्ष सीताराम बास बुडाना ने बताया कि हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारत के मूल निवासियों एससी/एसटी/ ओबीसी को संविधान में मौजूद पदोन्नति आरक्षण को खत्म करने का जो निर्णय दिया है उससे असंतुष्ट एससी एसटी ओबीसी एवं अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा आरक्षण बचाओ, सीए, एनआरसी एवं नागौर जिले में दलित युवकों के साथ हुए अत्याचार के आरोपियों को सजा दिलवाने की मांग को लेकर झुंझुनू के गांधी चौक से लेकर कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली गई तथा एसडीएम साहब के मार्फत राष्ट्रपति भारत सरकार को ज्ञापन भेजा गया। इस रैली में भीम आर्मी एकता मिशन, टीम एफर्ट्स, आवाम ग्रुप बुडाना, रैगर महासभा,भीम सेना राजस्थान, सर्व समाज विकास संस्था, ऑल इंडिया दलित महिला अधिकार मंच , वाल्मीकि सफाई संगठन, मेघवंशीय समाज चेतना संस्थान झुंझुनू के पदाधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। रैली के दौरान डॉक्टर कमल चंद मीणा, रणधीर बुगालिया,देवकरण महरिया,दुर्गा प्रसाद,राकेश सिरोवा,समुन्द्र सिंह,संजय शास्त्री, विकास आल्हा,रामकरण नारनोलिया,पवन नारनोलिया, वीरेंद्र मीणा, सुमेर शास्त्री,दिलीप डिग्रवाल, राकेश सबलानिया,लोकेश नारनोलिया,दिनेश तानेनिया,राजेश फुलवा,ओम प्रकाश बाकोलिया, विजेंद्र मील,अनिल खीचड़ आदि सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।