जमीन से जुड़ा है मामला
दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी दूधवा में काश्त की भूमि पर न्यायालय सहायक कलेक्टर फास्टट्रेक दांतारामगढ़ के स्टे व दूसरे पक्ष को पाबंद करने के बावजूद दूसरे पक्ष द्वारा जमीन बेचने के लिए उप पंजीयक विपुल चौधरी से मिलीभगत करके रजिस्ट्री कराने के मामले में उपखंड अधिकारी द्वारा विधि विरुद्ध नामांतरण खुलवाने के मामले में उपखंड अधिकारी राजेश मीणा सहित तीन के खिलाफ दातारामगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ हैं। एसीजेएम सुरेन्द्र कौशिक ने उपखंड अधिकारी सहित तीन लोगों के खिलाफ पुलिस को मुकदमा दर्ज कर मामले में अनुसंधान कर नतीजा न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए थे। उसके बाद थानाधिकारी ने मुकदमा दर्ज कर लिया हैं। मामले में कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से राहत नहीं मिलने पर रामनिवास पुत्र दूलाराम निवासी दूधवा ने न्यायालय में इस्तगासा पेश किया था जिसमें लिखा कि वह अपने पूर्वजों की भूमि पर काश्त करता चला आ रहा हैं। इस जमीन पर न्यायालय सहायक कलेक्टर फास्टट्रेक दांतारामगढ़ का स्टे भी हैं। न्यायालय सहायक कलेक्टर फास्ट्रेक दांतारामगढ़ में दो वाद पत्र उनवानी लादूराम बनाम किस्तूरी देवी वाद संख्या 511/2013 एवं राधेश्याम बनाम किस्तूरी देवी दावा संख्या 512/2013 विचाराधीन हैं। इस संबंध में न्यायालय राजस्व अपील अधिकारी सीकर द्वारा उक्त लोगों को विवादित आराजी कृषि भूमि के संबंध में रिकार्ड व मौके की यथास्थिति बनाए रखने के लिए निर्णय 29 मार्च 2019 के द्वारा स्थाई रूप से पाबंद होने के बावजूद भी न्यायिक आदेश की अवहेलना करते हुए विधि विरुद्ध तरीके से जमीन का बेचान कर दिया, और फिर उप पंजीयक द्वारा उसे रजिस्टर्ड भी कर दिया गया। उसके बाद उपखंड अधिकारी राजेश कुमार मीणा द्वारा विधि विरुद्ध जाकर नामांतरण भी करवा दिया गया। परिवादी को न्यायालय में शरण लेनी पड़ी। जहां पर एसीजेएम सुरेन्द्र कौशिक ने चल रहे मामले में उपखंड अधिकारी राजेश कुमार मीणा, विजय राज सिंह निवासी त्रिलोकपुरा तथा कमलेश कुमार निवासी रानोली के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश थाना अधिकारी को दिए थे जिसके बाद तीनों व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर थानाधिकारी ने जांच शुरू कर दी हैं।
अधिकारियों ने इस अधिनियम की धारा की अवहेलना की
उप पंजीयक दांतारामगढ़ विपुल चौधरी ने स्थगन आदेश की अवहेलना एवं संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 की धारा 52 का उल्लंघन करते हुए उक्त विक्रय पत्र तस्दीक किया तथा उपखंड अधिकारी दांतारामगढ़ ने उक्त अवैध विक्रय पत्र के द्वारा विधि विरुद्ध नामांतरकरण दर्ज करने की स्वीकृति प्रदान की।
क्रेता खुद वकील फिर भी नियमों को रखा ताक पर
जानकारी अनुसार आरोपी क्रेता विजय राज सिंह खुद एक अधिवक्ता है और जिस व्यक्ति से जमीन खरीदी उसी व्यक्ति का पिछले 1 वर्ष से इसी जमीन के एक वाद में वकील भी हैं। ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि स्वयं अधिवक्ता होते हुए विधि विरुद्ध जाकर नियमों को ताक पर रखकर उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया।
पूर्व में इन लोगों के खिलाफ भी हो चुका है मुकदमा दर्ज
उपपंजीयन अधिकारी विपुल चौधरी तहसीलदार, रामकुमार भू-अभिलेख निरीक्षक रूपगढ़, रोहिताश पटवारी दूधवा, सीताराम जांगिड़ निवासी दूधवा, मंतरा देवी निवासी फतेहाबाद, राकेश कुमार निवासी फतेहाबाद, डिंपल रानी निवासी बावड़ीपुर नारनौल, विजयराज सिंह निवासी त्रिलोकपुरा, कमलेश कुमार यादव निवासी रानोली, प्रवीण कुमार जांगिड निवासी दूधवा, नरेंद्र सिंह निवासी सीकर के खिलाफ व दूसरे मामले में विजयराज सिंह निवासी त्रिलोकपुरा, कमलेश कुमार निवासी रानोली, विपुल चौधरी तहसीलदार, रामकुमार भू-अभिलेख निरीक्षक रूपगढ़ व रोहिताश पटवारी मंडल दूधवा के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका हैं। रामनिवास बनाम सीताराम के एक मामले में 9 लोगों के खिलाफ तो दूसरे इसी मामले में पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका हैं।