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विरक्त भाव से भागवत श्रवण करने पर जन्म जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति मिलती है – भागवताचार्य पं.मोहन शर्मा

पुरुषोत्तम मास में हो रही कथा के दूसरे दिन भी श्रोताओं में दिखा उत्साह

अजीतगढ़, [विमल इंदौरिया] श्रावण अधिक मास में इच्छापूर्ण बड़वाले बालाजी धाम अजीतगढ़ पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में दूसरे दिन विद्वान पं.तुलसी किशोर शर्मा ने कमलेश कांवर से मुख्य यजमान प्रकाश नोताका के साथ पूजा अर्चना करवाई। कथा मर्मज्ञ भागवताचार्य पंडित मोहन लाल शर्मा ने कहा कि विरक्त भाव से भागवत कथा श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति मिलती है।सत्संग मर्यादित जीवन जीने की कला सिखाता है। मंदिर पुजारी सतीश शर्मा ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक होती है।कथा के मध्य शिवशक्ति म्यूजिकल ग्रुप अलवर द्वारा सजीव नृत्य नाटिकाओं का झांकियो के माध्यम से प्रदर्शन किया जा रहा है जो दर्शकों को भाव विभोर करता है।इस अवसर पर शहर के गण मान्य वरिष्ठ नागरिकों ने श्रोता पांडाल में कथा श्रवण कर जीवन को धन्य किया।

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