कारसेवा में पिता के पास से निकली थी गोलियां – बसंत कुमावत
दांतारामगढ़(लिखा सिंह सैनी) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों एवं कारसेवकों द्वारा अयोध्या में कारसेवा करने पर राधाकृष्ण चेजारा का सम्मान किया। कुमावत के पुत्र उपप्रधान बसंत कुमावत ने बताया की मेरे पिता जिन्होंने दो बार अयोध्या में कार सेवा में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया था। सन् 1990 में 1992 में हुई दोनों कार सेवा में सम्मिलित हुए मुख्य विवादित ढांचे के पास में यह कार सेवा करने का अवसर मिला उनके सामने गोली चली गोलियां हम बच्चों के सौभाग्य से पास से निकल गई, उन्हें उस समय सभी प्रमुख संतो प्रमुख राजनेताओं से मिलने का अवसर मिला आशीर्वाद मिला,कार सेवा में की गई कारसेवा की स्मृति स्वरूप वहां से ईंट भी लेकर आए जो आज भी घर पर सुरक्षित है, उस समय के विरोधी कहा करते थे कि अबकी बार एक का तो पापा कटा, परंतु देव योग से प्रभु कृपा से वैसे गुलशन लौटे और उन विरोधियों को हमारी माता जी ने कहा कि वह तो सारा साबतो थांकी छाती पर पाछो आग्यो दूसरी कार सेवा के तुरंत पश्चात ही मेरे दूसरे पुत्र रतन का जन्म तथा उसी समय मेरी बहन शकुंतला जो दांता वाले भंवर लाल भरोदिया जो वर्तमान में इंदौर में रहते हैं उनके साथ हुई थी, कार सेवा के समय केवल हम चार भाई बहनों की शादी हुई थी शेष चार भाई बहन कंवारे थे उस समय परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत साधारण सी थी, बड़ी मुश्किल से गुजारा होता था । पिताजी न केवल उन दोनों का कार सेवा में गए थे बल्कि भारतीय जनता पार्टी के प्रथम अधिवेशन मुंबई में भी उपस्थित थे ,तथा कश्मीर में लाल चौक में आडवाणी व वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा झंडारोहण किया गया था उस समय भी कश्मीर लाल चौक में झंडा फहराने के लिए प्रत्यक्ष रूप से अपने पांच साथियों सहित गए थे । कार सेवा के दौरान साध्वी उमा भारती मेरे पिताजी और उनके साथियों से स्वयं गले मिली तथा उन्होंने उन्होंने उस दिन की कार सेवा में प्रत्यक्ष भाग न लेने के लिए दुख प्रकट करते हुए अपने प्रिय केशो का त्याग कर दिया था । आज सभी कारसेवकों में खुशी का माहौल है की भगवान श्रीराम के मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को हो रहा है ।