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दहेज की मांग को लेकर ससुराल पक्ष द्वारा मां व बेटों की हत्या कर कुएं में डालने का मामला दर्ज

दांतारामगढ़, ( प्रदीप सैनी ) भारीजा में मां व उसके बेटों को दहेज के लिए ससुराल वालों द्वारा हत्या कर कुएं में डालने के मामले में एसीजेएम न्यायालय दांतारामगढ़ के आदेश पर 5 जनवरी को पुलिस थाना दांतारामगढ़ में मामला दर्ज हुआ हैं। इस संबंध में मृतक महिला की नानी तीजू देवी उम्र 75 वर्ष पत्नी बालूराम जाट निवासी लालास ने पुलिस थाने में 20 नवम्बर 2022 को रिपोर्ट दी थी कि उसकी दोहिती सुमित्रा पुत्री हुक्माराम जाट निवासी घाट की ढ़ाणी का विवाह रमेश कुमार जाट उम्र 30 वर्ष पुत्र गोपाल लाल जाट निवासी भारीजा के साथ 10 वर्ष पूर्व हुआ था। सुमित्रा के पति रमेश कुमार जाट, ससुर गोपाल लाल पुत्र मंगलाराम, काकेर ससुर हरदेवाराम पुत्र मंगलाराम व काकेर सास जमना देवी पत्नी हरदेवाराम सभी ने दहेज के लिए सुमित्रा को परेशान किया था। अंत में इन लोगों ने 29 अक्टूबर 2022 को सुबह 6 बजे सुमित्रा व उसके बड़े बेटे प्रियांक 5 साल व छोटे बेटे गूडडू 8 माह की हत्या कर शवों को कुएं में डाल दिया गया था। तीजू देवी ने एसपी सीकर को 23 नवंबर 2022 को रिपोर्ट दी थी परन्तु इस पर मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। उसके बाद 21 दिसम्बर 2022 को तीजू देवी ने न्यायालय की शरण ली। फिर न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने 5 जनवरी 2023 को धारा 498 ए, 302, 201, 120बी, 506 में मामला दर्ज कर लिया हैं।

मृतक सुमित्रा के साथ ससुराल पक्ष ने बार-बार की मारपीट

ससुराल पक्ष की और से मृतका सुमित्रा के साथ दहेज को लेकर बार बार मारपीट की गई। घटना से पूर्व दो दिन पहले भी महिला के साथ काफी मारपीट के आरोप लगाए हैं। ननिहाल पक्ष की ओर से नानी तीजू देवी ने बताया कि काफी वर्षो से दोहिती के साथ अत्याचार हो रहा था लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही थी। अंत मे उसकी नन्हे मासूम बच्चों के साथ हत्या कर दी गई।

पुलिस पर ससुराल पक्ष को बचाने के लगाए आरोप, ननिहाल पक्ष को मिली धमकियां

जब इस हत्याकांड को लेकर मृतक की नानी तीजू देवी थाने रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुंची तो उनको व उसके परिवार को भी मृतका के ससुराल पक्ष से जान से मारने की बार-बार धमकियां मिली। उसके बावजूद ना तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और ना ही हत्याकांड में शामिल अपराधियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई। उलटा पीड़ित पक्ष के साथ मामले को दबाने के लिए बार-बार दबाव डाला गया।

इनका कहना है

न्यायालय से मेरे पास इस मामले की रिपोर्ट आई है।जल्द ही इस मामले को लेकर अनुसंधान किया जायेगा।जो भी सामने आएगा।उसके अनुसार उचित कार्रवाई की जायेगी।

जाकिर अख्तर, वृताधिकारी दांतारामगढ़

ससुराल वालों ने पुलिस को दी गलत जानकारी, कहा कि बच्चे को बचाने गई मां व दो मासूम बेटों सहित कुएं में गिरने से हुई मौत

गुपचुप किया अंतिम संस्कार

ससुराल वालों ने पुलिस को जानकारी दी कि खेत में काम करते समय रमेश जाट की पत्नी सुमित्रा देवी का पांच वर्षीय बेटा खेलते हुए कुएं के पास चला गया। जिसे बचाने के लिए चार महीने के बच्चे को गोद में ही लेकर भागी सुमित्रा का संतुलन बिगड़ गया और वह भी दोनों बच्चों सहित कुएं में गिर गई। हादसे में तीनों की मौत हो गई। 29 अक्टूबर शनिवार तड़के छह बजे हुए इस हादसे के बाद परिजनों ने अपने स्तर पर शवों को कुंए से बाहर निकालकर अंतिम संस्कार कर दिया था।

सूचना पाकर देर रात पहुंची थी पुलिस

पुलिस को 29 अक्टूबर शनिवार रात दस बजे इसकी सूचना मिली। सूचना पर दांतारामगढ़ थानाधिकारी मदनलाल कड़वासरा पुलिस जाब्ते के साथ पहुंचे। पुलिस थाना दांतारामगढ़ ने इस पर कोई मामला दर्ज नहीं किया। थानाधिकारी कड़वासरा ने बताया था कि हादसा भारीजा के रमेश जाट के परिवार के खेत में हुआ। सुबह छह बजे परिवार के लोग खेत में खला निकाल रहे थे। इसी दौरान रमेश का पांच वर्षीय बच्चा पास ही बने खुले कुएं में गिरने लगा। रमेश की पत्नी सुमित्रा (28) उसे बचाने के लिए दौड़ी। इस दौरान सुमित्रा की गोद में चार महीने का दूसरा बच्चा था। बेटे को बचाने के प्रयास में सुमित्रा भी अपने चार महीने के बच्चे के साथ कुएं में गिर गई। हादसे में तीनों की मौत हो गई। परिजनों ने अपने स्तर पर ही तीनों शवों को बाहर निकाल लिया। इस दौरान किसी ने भी पुलिस को कोई सूचना नहीं दी। शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 29 अक्टूबर शनिवार रात दस बजे पुलिस के पास घटना की जानकारी पहुंची। पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की। परिजनों के साथ महिला के पीहर पक्ष से भी बात की। लेकिन किसी ने भी हादसे पर कोई शक नही जताया था।

बिना मेड का है कुआ, जांच में जुटी पुलिस

पुलिस के अनुसार खेत में बने इस कुएं में किसी तरह की चारदीवारी नहीं हैं। कुएं के आसपास झाडिय़ा भी लगी हुई हैं। ऐसे में दूर से कुंआ दिखाई नहीं देता हैं। इस कुएं में बोरवेल बना हुआ है जिससे सिंचाई की जाती हैं। पुलिस पता लगाने में जुटी है कि हादसे की जानकारी होने पर भी परिवार व ग्रामीणों ने पुलिस से क्यों छिपाए रखी?

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