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पत्रकारिता के भीष्म पितामह पं.झाबरमल शर्मा की 134वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई

रामकृष्ण मिशन आश्रम स्थित अजीत-विवेक संग्राहलय के ओपन थियेटर में

खेतड़ी (विजेन्द्र शर्मा) पत्रकारिता के भीष्म पितामह पं.झाबरमल शर्मा की 134 वीं जयन्ति रविवार को रामकृष्ण मिशन आश्रम स्थित अजीत-विवेक संग्राहलय के ओपन थियेटर में समारोह पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता आश्रम के सचिव स्वामी आत्मनिष्ठानंद ने की। कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष गोकुलचन्द सैनी, पार्षद लीलाधर सैनी, विजयपाल सिंह भाटीवाड, श्रवणदत नारनोलिया, डा.महेन्द्र सैनी, बलबीर सैनी, थानाधिकारी विनोद सांखला, ब्राह्मण समाज अध्यक्ष प्रदीप सुरोलिया, सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रदेश मंत्री ईश्वर पाण्डे, डा.राघवेन्द्र पाल, अशोक सिंह शेखावत, राजेश कुमावत, बाना देवी, अनिल कुमार, रमाकांत वर्मा, संजय सुरोलिया, निखिल शर्मा, भवानीशंकर शर्मा, रामावतार जाट, , प्रदीप जांगिड़, मुरारी चैतन्य विशिष्ट अतिथि थे कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियो ने पं.झाबरमल शर्मा के चित्र व स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन व माल्याअर्पण कर किया। इस मौके पर अपने सम्बोधन में स्वामी आत्मनिष्ठानंद ने कहा कि पंडित झाबरमल शर्मा ने खेतड़ी के राजा बहादुर अजीतसिंह व स्वामी विवेकानंद के रिश्तो को जगजाहिर किया। जिससे खेतड़ी का नाम विश्व के मानचित्र पर आया क्योकि स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुडी दर्जनो महत्वपूर्ण घटनाओ का खेतड़ी से सम्बन्ध रहा हैं।

रामकृष्ण मिशन की खेतड़ी शाखा की स्थापना पंडित जी के सद प्रयासो से हुई। स्थापना के पांच वर्षो तक पंडित जी रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव व ताउम्र मिशन के अध्यक्ष रहे। पंडितजी ने उस जमाने में पत्रकारिता के माध्यम से आजादी की लडाई लड़ी उस जमाने में अंग्रेज शासको के खिलाफ लिखना तो दूर बोलना भी मना था। हमे इस बात का गर्व है कि पत्रकारिता के भीष्म पितामह पंडित झाबरमल शर्मा की जन्म स्थली व कर्म स्थली खेतड़ी रहा हैं। पंडित जी द्वारा लिखित दर्जनो पुस्तको के माध्यम से खेतड़ी व स्वामी विवेकानंद के रिश्तो की जानकारी दी है। समारोह के संयोजक गोपाल कृष्ण शर्मा ने कार्यक्रम की रुपरेखा पर प्रकार डालते हुए कहा कि कोविड गाईड लाईन के कारण कार्यक्रम को सूक्ष्म किया गया है। इस मौके पर विनोद मिश्रा, पूनम शर्मा, राहुल शर्मा, लोकेश कुमावत, प्रेम कुमार शाह, निरंजनलाल सैनी, संजय कुमार सैनी सहित कई लोग मौजूद थे। इस मौके पर अतिथियों ने रामावतार जाट द्वारा लिखित स्वामी रामकृष्ण परमहंस को समर्पित प्रेरणा स्त्रोत भजन पुस्तक का विमोचन किया।

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