झुंझुनूताजा खबर

आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती मनाई

योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह खुंगाई के नेतृत्व में

झुंझुनू, आदर्श योग केंद्र बलौदा में योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह खुंगाई के नेतृत्व में आर्य समाज के प्रवर्तक और प्रखर सुधारवादी सन्यासी महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती मनाई। जयंती समारोह में शामिल सभी लोगों ने दीप प्रज्वलित कर महर्षि दयानंद सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया। पतंजलि के राज्य प्रभारी पवन कुमार सैनी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर योगा प्रतियोगिता हुई। विजेता खिलाड़ियों को वेदप्रकाश अग्रवाल की ओर से पुरस्कृत किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में सभा को संबोधित करते हुए आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी ने कहा- महर्षि की उपाधि से विभूषित स्वामी दयानंद सरस्वती 19वीं सदी के महान समाज सुधारक सन्यासी थे। वर्ष 1875 में उन्होंने गुड़ी पड़वा के दिन महाराष्ट्र में आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज का मुख्य धर्म मानव धर्म ही था। महर्षि दयानंद सरस्वती के हृदय में आदर्शवाद की उच्च भावना, यथार्थवादी मार्ग अपनाने की सहज प्रवृत्ति, मातृभूमि को नई दिशा देने का अदम्य उत्साह, धार्मिक-सामाजिक-आर्थिक व राजनीतिक दृष्टि से युगानुकूल चिन्तन करने की तीव्र इच्छा तथा भारतीय जनता में गौरवमय अतीत के प्रति निष्ठा जगाने की भावना थी। उन्होंने किसी के विरोध तथा निंदा की परवाह किये बिना हिंदू समाज का कायाकल्प करना अपना ध्येय बना लिया। उन्होंने भक्ति-ज्ञान के अतिरिक्त समाज के नैतिक उत्थान एवं समाज-सुधार पर भी जोर दिया। उन्होंने समाज की कपट वृत्ति, दंभ, क्रूरता, अनाचार, आडंबर एवं महिला अत्याचार की भर्त्सना करने में संकोच नहीं किया। उन्होंने धर्म के क्षेत्र में व्याप्त अंधविश्वास, कुरीतियों एवं ढकोसलों का विरोध किया। धर्म के वास्तविक स्वरूप को स्थापित किया। स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज के माध्यम से समाज-सुधार के अनेक कार्य किये। छुआछूत, सती प्रथा, बाल विवाह, नर बलि, धार्मिक संकीर्णता और अंध विश्वासों के विरुद्ध जमकर प्रचार किया और विधवा विवाह, धार्मिक उदारता तथा आपसी भाईचारे का समर्थन किया। उनकी जयंती मनाने की सार्थकता तभी है जब हम उनके बताये मार्ग पर चलते हुए उनके आदर्शों को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बना लें। कार्यक्रम में वेदप्रकाश अग्रवाल, सुदेश खरड़िया, चंद्रमुखी, मौसम बरवड़, संदीप कुमार, निशु, खुशी, राकेश कुमार, कनिका, खुशी वर्मा, जिया, टीना, मोहित कुमार, निकिता, विशाल, मोहित बेरला, बंटी अग्रवाल आदि अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन योगाचार्य सुदेश खरड़िया ने किया। डॉ. प्रीतम सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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