‘शहर के अंधेरे को इक चराग़ काफ़ी है
सौ चराग़ जलते हैं इक चराग़ जलने से’
झुंझुनू, आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में गांधी कृषि फार्म सूरजगढ़ में देश की आजादी के लिए अल्पायु में फांसी पर चढ़ने वाले महान क्रांतिकारी शहीद सरदार करतार सिंह सराभा की जयंती मनाई। देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले वीरों की एक लंबी सूची है, उनमें से कुछ लोगों के योगदान के बारे में तो सबको पता है लेकिन कुछ गुमनाम हीरो रहे हैं। उन्हीं गुमनाम हीरो में सिर्फ 19 साल की उम्र में देश के लिए शहीद होने वाले सरदार करतार सिंह सराभा भी शामिल हैं। उनका जन्म 24 मई, 1896 को हुआ था। देश की आजादी में सरदार करतार सिंह सराभा के योगदान को याद करते हुए आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने कहा- सशस्त्र विद्रोह के माध्यम से भारत को विदेशी दासता से मुक्त करने का सपना देखने वाले सरदार करतार सिंह सराभा ने अल्पआयु में फांसी पर चढ़कर स्वतंत्रता संग्राम की चिनगारी को ज्वाला में बदल दिया। 16 नवम्बर 1915 को करतार सिंह सराभा को जब फांसी पर चढ़ाया गया, तब वे मात्र उन्नीस वर्ष के थे। शहीद-ए-आजम भगत सिंह उन्हें अपना आदर्श मानते थे। पंजाब की धरती ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए अनेक रत्न पैदा किए जो देश-विदेश में स्वतंत्रता की अलख जगाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। अपने अल्प जीवन में ही करतार सिंह सराभा ने देशप्रेम की जो परिभाषा गढ़ी, आने वाले दिनों में वह स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों के लिए आदर्श बना। भारत के क्रान्तिकारियों में सरदार करतार सिंह सराभा एक ऐसा नाम है, जो शौर्य, साहस, त्याग और बलिदान के लिए सदा याद किया जायेगा। इस मौके पर आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी, पूर्ण सिंह गुर्जर, अमित करोल, विनीता नारनौलिया, सुनील गांधी, शकुंतला रावत, सोनू कुमारी, सतीश कुमार, बृजेश (बबलू), सरिता खुशबू), दिनेश, अंजू गांधी, अमित कुमार आदि अन्य लोग मौजूद रहे।