लोकसभा क्षेत्र के किसानों को क्रॉप कटिंग के आधार पर खरीफ 2021 का फसल बीमा दिलाने के लिये
चूरू, सांसद राहुल कस्वां ने सोमवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ-2021 के बकाया क्लेम का मुद्दा उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि केन्द्र सरकार ने किसान हित्त में बहुत ही महत्वकांक्षी योजना चलाई है जिसका भरपूर फायदा विगत वर्षों में हमारे किसानों को मिला है। चूरू लोकसभा क्षेत्र के नोहर, भादरा व रावतसर में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा करने का कार्य करती है। खरीफ-2021 के बीमा भुगतान को लेकर सम्बन्धित बीमा कम्पनी ने राज्य सरकार के समक्ष क्रॉप कटिंग डाटा को लेकर आपत्ति दर्ज करवाई। चूंकि क्रॉप कटिंग केे दौरान पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक, बीमा कम्पनी के अधिकारी व किसान के हस्ताक्षर होते हैं; बावजूद इसके राज्य सरकार की तकनीकी कमेटी ने बीमा कम्पनी की आपत्ति को स्वीकार कर लिया। राज्य सरकार प्रशासनिक अधिकारीयों और तकनीकी कमेटी ने भारत सरकार से सैटेलाइट आधारित आंकड़े मांगे। एक तरफ तो राज्य सरकार के कर्मचारी सैटेलाइट आधारित आंकड़े मांगते हैं, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय विधायक शिकायत करते हैं कि केन्द्र ने आंकड़े दिए क्यों ?
इसी प्रकार का मामला चूरू जिले के फसल बीमा क्लेम को लेकर चल रहा है। राज्य सरकार की तकनीकी कमेटी ने बीमा कम्पनी की आपत्तियों को स्वीकार कर उन्हीं की सरकार के कर्मचारीयों व बीमा कम्पनी के अधिकारीयों की उपस्थिति में तैयार की गई क्रॉप कटिंग रिपोर्ट पर प्रश्न चिन्ह लगाने का कार्य किया है। किसानों को खरीफ-21 में बहुत बड़ा नुकसान हुआ, लेकिन आज खरीफ-2022 आने तक भी किसानों को बीमा क्लेम नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार राजस्थान सरकार से रिपोर्ट ले कि कितने पटवार मंडलों में क्रॉप कटिंग रिपोर्ट पर बीमा कम्पनी के अधिकारीयों के हस्ताक्षर हुए हैं। अगर बीमा कम्पनी के अधिकारीयों के हस्ताक्षर क्रॉप कटिंग रिपोर्ट पर हुए हैं तो किसानों को बीमा क्लेम सैटेलाईट आधार पर न देकर क्रॉप कटिंग रिपोर्ट के आधार पर दिलवाया जाये।