रेलवे अंडरपास बने परेशानी का सबब
फतेहपुर, कस्बे के मंडावा और नवलगढ़ पुलिया के नीचे जमा बरसाती पानी अब कस्बेंवासियों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। मंगलवार सुबह एक अधेड़ व्यक्ति की मंडावा पुलिया के नीचे भरे पानी में डूबने से मृत्यु हो गई जिसके पश्चात् आक्रोशित लोगों ने दोनों तरफ से रास्ते बंद कर दिए और धरने पर बैठ गए। करीब चार घंटे तक एसडीएम रेणु मीणा, शहर कोतवाल उदयसिंह, ईओं नगर पालिका कमलेश मीणा, एईएन देवेन्द्र सैनी, जेईएन रियाज, शहर पटवारी फूलचंद मीणा आदि अधिकारियों ने लोगों को समझाइश की कोशिश की परंतु लोग माने नहीं । प्रशासन ने धरने पर बैठे लोगों को आश्वासन दिया कि मृतक के परिवार को मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता राशि दिलवाई जाएगी । ईओं कमलेश मीणा ने लोगों को बताया कि नगर पालिका अंडरपास के नीचे पानी निकासी के लिए काम करने के लिए तैयार है परंतु रेलवे के अधिकारी निर्माण कार्य की स्वीकृति नहीं दे रहे हैं। नगर पालिका रेलवे के पास समुचित धनराशि जमा भी कर चुकी है। चार दिन पूर्व ही विधायक हाकम अली के साथ नगर पालिका अधिकारियों ने डीआरएम रेलवे जयपुर से मुलाकात की तथा अंडरपास के नीचे निर्माण कार्य की स्वीकृति देने का निवेदन किया। वहीं जनप्रतिनिधियों सहित सैकड़ों लोगों ने रेलवे मुर्दाबाद के नारे लगाए तथा पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष गहरा आक्रोश व्यक्त किया । लोगों का कहना था की मंडावा पुलिया के नीचे पानी भरने की समस्या बरसों पुरानी है परंतु प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है । आक्रोश के बीच लोगों ने मृतक बालाराम गुर्जर के शव को लेने से इंकार कर दिया तथा पोस्टमार्टम भी नहीं होने दिया। जानकारी के अनुसार मृतक बालाराम गुर्जर 45 पुत्र जगन्नाथ गुर्जर मंडावा पुलिया के दूसरी तरफ का रहने वाला था और गाय दूहनें का काम करता था। चूकिं कस्बे में आने का यह एक मात्र रास्ता है और मृतक प्रतिदिन सुबह गायों को दुहनें के लिए कस्बें में आता था । मंगलवार सुबह इसी पानी से निकलकर वह कस्बें के भीतर आया और करीब नौ बजे वापिस अपनी साईकिल से पानी के अदंर से पैदल ही जा रहा था । प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पानी में कीचड़ काफी था और मृतक बालाराम का पैर फिसल गया तथा साइकिल उसके ऊपर गिर गयी । उस समय करीब चार फीट पानी भरा हुआ था। पैर फिसलनें के बाद मृतक कीचड़ में फंस गया और उठ नहीं पाया तथा डूब गया । उसें डूबता देख आसपास खडें ट्रक और रिक्शाचालक दौडक़र पानी के अदंर गयें और बालाराम को बाहर निकाला परन्तु तब तक उसकी मौत हो चुकी थी ।जानकारी के अनुसार मृतक बालाराम परिवार में अकेला ही कमानेंवाला था। उसके चार बेटिया है और कोई बेटा नहीं है। उसकी मृत्यु से परिवार पर जीवन यापन का सकंट पैदा हो गया । वह गायों का दूध निकालकर परिवार का पालन करता था ।