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मुख्यमंत्री गहलोत ने चूरू गर्ल्स कॉलेज भवन, सखी वन स्टॉप सेंटर सहित जिले के विभिन्न कार्यों का किया लोकार्पण

कल्याणकारी योजनाओं से सुगम हुआ आमजन का जीवन – गहलोत

चूरू, राज्य सरकार के तीन वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित समारोह में जागृति बैक टू वर्क योजना, आईएम शक्ति उड़ान योजना, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना और डीबीटी वाउचर योजना सहित विभिन्न कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने चूरू जिला मुख्यालय पर 6 करोड़ की लागत से निर्मित राजकीय कन्या महाविद्यालय भवन का लोकार्पण किया। इसके अलावा उन्होंने मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध राजकीय डीबी जनरल अस्पताल के 20 बैडेड पीआईसीयू, 10 बैडेड एनआईसीयू तथा 15 बैडेड आईसीयू, जिला मुख्यालय पर बने महिला अधिकारिता विभाग के सखी वन स्टॉप सेंटर, जिले के 18 पुलिस थानों में बने स्वागत कक्षों, जिले के 6 महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों (अंग्रेजी माध्यम), का लोकार्पण किया। इनमें महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय भालेरी, झारिया, राजपुरा, बनियाबास गोपालपुरा, सांखू फोर्ट, बापूनगर रतनगढ़ शामिल हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने तारानगर सीएचसी में एनएचएम में बनाए गए ऑक्सीजन प्लांट के साथ-साथ कानूता, बीदासर व छापर में दानदाता द्वारा बनाए गए ऑक्सीजन प्लांट का भी लोकार्पण किया।

इस दौरान जिला मुख्यालय स्थित वीसी कक्ष में जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा, एसपी नारायण टोगस, लोहिया कॉलेज प्राचार्य दलीप पूनिया, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ महेश मोहन पुकार, सानिवि एसई शिशपाल सिंह, महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया, आईसीडीएस डीडी सीमा सोनगरा, सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक डॉ अनिल शर्मा, सीडीईओ संतोष महर्षि, डीईओ माध्यमिक निसार अहमद खान, पशुपालन विभाग के डॉ अशोक शर्मा सहित अधिकारीगण मौजूद थे। सुजानगढ़ पंचायत समिति स्थित वीसी कक्ष में विधायक मनोज मेघवाल, सभापति नीलोफर गौरी, पूर्व प्रधान पूसाराम गोदारा, सरपंच सविता राठी आदि मौजूद रहे। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने विगत तीन वषोर्ं में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं ताकि वंचित, पिछड़े एवं जरूरतमंद वगोर्ं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके और आमजन का जीवन सुगम बनाया जा सके। हमारा प्रयास रहा है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, हर व्यक्ति को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मिलें और हर परिवार को सामाजिक सुरक्षा मिले। हमारी सरकार इस उद्देश्य को पूरा करने में सफल रही है। उन्होंने इस दौरान 12 विभागों के करीब 1122 करोड़ रूपए के 1194 विकास कायोर्ं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने जन कल्याण पोर्टल मोबाइल ऎप एवं ई-मित्र एट होम का शुभारंभ तथा उड़ान योजना के शुभंकर, संचार रणनीति पुस्तिका एवं पोस्टर का विमोचन भी किया। साथ ही, प्रतीकात्मक रूप से 8 एम्बुलेंस और 2 बाइक एम्बुलेंस को रवाना किया। प्रदेश में करीब 100 एम्बुलेंस विभिन्न जिलों में भेजी जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किशोरियों एवं महिलाओं को निःशुल्क सैनेटरी नेपकीन वितरण के लिए आज जो उड़ान योजना शुरू की है, उसमें धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। योजना के पहले चरण के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाएं, सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ तथा अधिक से अधिक जनभागीदारी के साथ इस योजना को सफल बनाया जाए, ताकि गांव-ढाणी तक महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। गहलोत ने राज्य सरकार द्वारा विगत तीन वषोर्ं में किए नवाचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार की अनिवार्य एफआईआर रजिस्ट्रेशन की नीति के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। पहले दुष्कर्म के करीब 33 प्रतिशत केस कोर्ट के इस्तगासे से दर्ज होते थे। अब वे कम होकर 15 प्रतिशत पर आ गए हैं। इसी प्रकार महिला अपराधों के त्वरित अनुसंधान के लिए हर जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर का पद सृजित होने से दुष्कर्म के मामलों में अनुसंधान का औसत समय 274 दिन से घटकर 73 दिन रह गया है। उन्होंने कहा कि थानों में फरियादियों की सुनवाई के लिए स्वागत कक्ष निर्माण की अनूठी पहल की गई है। इसका मकसद थाने में आने वाले हर फरियादी की बात मान-सम्मान के साथ सुनना है। प्रदेश के करीब 90 प्रतिशत थानों में स्वागत कक्ष बन चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए 50 करोड़ रूपए खर्च कर ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए अब तक 26 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उठाए गए कदमों के परिणामस्वरूप मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में काफी गिरावट आई है। हमारा प्रयास है कि यह शून्य स्तर पर आए। शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। प्रमुख शासन सचिव सूचना एवं जनसम्पर्क अभय कुमार ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कोविड एवं आर्थिक चुनौतियों के बावजूद प्रदेश में विकास कायोर्ं को गति देकर अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है। प्रमुख शासन सचिव महिला एवं बाल विकास श्रेया गुहा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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