मीडिया संस्थानों, सरकारी उपक्रमों को आत्ममूल्यांकन करना होगा – थानवी
चूरू के गोठवाल को मिला सत्यप्रकाश जोशी कविता सम्मान
जोधपुर में हुआ राज्य स्तरीय कथा अलंकरण समारोह
चूरू, सामाजिक समता और समानता की कोरी बातें ही नहीं वंचित वर्ग को वाजिब हक देना ही होगा। यह समय ऐसा समय है जब मीडिया संस्थानों, सरकारी उपक्रमों को आत्ममूल्यांकन करना होगा और जातीय, धार्मिक, लैंगिक भेदभाव को समझना होगा और मिटाना होगा। उक्त विचार हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति ओम थानवी ने रविवार को जोधपुर में आयोजित कथा संस्थान के राज्य स्तरीय अलंकरण समारोह में बतौर समारोह अध्यक्ष व्यक्त किए। थानवी ने कहा कि साहित्यकार चुप्पी के वाहक नहीं होते, वे बोलने के हिमायती होते हैं और उन्हें गलत का विरोध करते हुए असत्य का खंडन करना चाहिए। समारोह के मुख्य अतिथि एनएसडी के उपाध्यक्ष एवं साहित्यकार प्रो. अर्जुनदेव चारण ने कहा कि छंदबद्ध इस संसार में सम्मान की पुरानी परंपरा रही है और हम उस परंपरा के निमित्त मात्र हैं। समारोह के विशिष्ट अतिथि एवं साहित्य अकादेमी नई दिल्ली में राजस्थानी भाषा संयोजक मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि साहित्य एवं पत्रकारिता के सम्मान को समर्पित और व्यक्तिशः आहुत ऐसे आयोजन होना गौरव हैं।
समारोह में पहाड़सर-चूरू के उम्मेद गोठवाल को राजस्थानी काव्यकृति “पेपलौ चमार” के लिए अतिथियों ने “सत्यप्रकाश जोशी कविता सम्मान” प्रदान किया। गोठवाल की कृति “पेपलौ चमार” एवं “च मानी चमार” का जिक्र करते हुए संस्थान निदेशक चैनसिंह परिहार ने कहा कि राजस्थानी दलित साहित्य में यह बड़ा काम है। समारोह में नंद भारद्वाज, कैलाश मनहर, रत्नकुमार सांभरिया, मुरलीधर वैष्णव, डाॅ मदन सैनी, शंकर सिंह राजपुरोहित, निसार राही, चंदनसिंह भाटी, डाॅ कृष्णकुमार आशु को उल्लेखनीय सम्मान प्रदान किए गए। समारोह में कथा संस्थान के संस्थापक सचिव मीठेश निर्मोही ने स्वागत भाषण दिया, संस्थान अध्यक्ष प्रो. जहूर खां मेहर ने धन्यवाद दिया। चैनसिंह परिहार, मनसा नायक, दशरथ सोलंकी ने सहयोग किया। कार्यक्रम में पदम मेहता, डाॅ आईदान सिंह भाटी, प्रो सोहनदान चारण, डाॅ गजेसिंह राजपुरोहित, डाॅ दुलाराम सहारण, दयापाल सिंह पूनिया, डाॅ सुखदेव राव, पदमजा शर्मा, हबीब कैफी, किरण नीतिला, चांदकौर जोशी, बसंती पंवार, राजेद्र बारहठ, माधव राठौड़ सहित अनेक साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।