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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा बैठक का आयोजन

कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मनाए जा रहे पोषण पखवाड़े के तहत प्रतिदिन आमजन को जागरूक किया जा रहा है। वहीं आंगनबाडी केंद्र, शिक्षण संस्थाओं में जाकर विभाग के कार्मिक स्वास्थ्य जांच व एनिमिया की जांच कर रहे है। आमजन को पोषण युक्त आहार के बारे में जागरूक करने के लिए कई गतिविधियों की जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि विभाग की ओर से 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसके तहत गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोर किशोरियों तथा 6 वर्ष तक के बच्चों को पोषण की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि कुपोषण से बच्चों में मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा आ सकती है। बच्चों के सेहत मंदभविष्य के लिए कृमि नियंत्रण करना आवश्यक है। साथ ही उनको पौष्टिक आहार भी देना चाहिए। इसी के तहत सीकर शहर में संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नंबर तीन में शुक्रवार को आशा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें आशा सहयोगिनियों को पोषण पखवाड़े के तहत की जाने वाली गतिविधियों के साथ विभागीय कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। बैठक में शहरी कार्यक्रम प्रबंधक प्रदीप चाहर ने पल्स पोलियो अभियान की तरह की पोषण पखवाड़े में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर पीएचसी प्रभारी अधिकारी डॉ. नेहा चौधरी ने आशाओं से वार्डों में टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं की जांच पर चर्चा की। वहीं जिला आशा समन्वयक केशर देव पारीक ने आशा सहयोगिनियों को उनके मानदेय के बारे में जानकारी दी। साथ ही पब्लिक हैल्थ मैनेजर महेश भींचर ने सभी आशा सहयोगिनियों और एएनएम से हैड काउन्ट सर्वे की प्रगति की समीक्षा की। अकाउंटेंट कम डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रमोद ओला ने सभी आशा सहयोगिनियों को एएनसी, टीकाकरण आदि से संबंधित प्रपत्र प्रदान किए और समय पर विभाग के सॉफ्टवेयर पीसीटीएस में इंट्री कराने पर जोर दिया।

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