आगामी अक्षय तृतीया (18 अप्रैल) एवं पीपल पूर्णिमा (29 अप्रैल) पर्व पर ग्रामीण क्षेत्रों में होेने वाले बाल विवाहों की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर पर अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा आमजन को जागृत किया जायेगा। जिला कलक्टर ललित कुमार गुप्ता ने कहा है कि बाल विवाहों की प्रभावी रोकथाम के लिए समाज की मानसिकता में बदलाव लाना आवश्यक है जिसके लिए आमजन में जनसहभागिता व चेतना जागृत करने की महत्ती आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि जिले में बाल विवाह पर नियंत्रण के लिए महिला सहायता समूह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय किया जायेगा तथा बाल विवाह में सहयोगी – हलवाई, बैण्ड बाजा, पंडित, बाराती, टैंट मालिक, प्रिंटिंग प्रेस, ट्रांसपोटर्स को कानूनी जानकारी दी जायेगी। जिले में जनप्रतिनिधियों के साथ चेतना बैठकों एवं ग्रामसभाओं का आयोजन, नियंत्रण कक्ष स्थापना, विद्यालयों में बाल विवाह के दुष्परिणामों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा।