जिला स्वामी समाज की बैठक का आयोजन इन्द्रमणि पार्क के पास किया गया बैठक की अध्यक्षता करते हुए घडसीराम स्वामी संरक्षक जिला स्वामी समाज ने बताया की मंदिर माफी/ देव मूर्ति की भूमियां देश आजाद होने के पहले से ही स्वामीयों के पास है। पुजारी उक्त भूमियों को कास्त कर देव मूर्ति की सेवा पूजा, धार्मिक आयोजन, मंदिरों का रख रखाव व अपने परिवार का गुजर बसर करते आ रहे है। राजस्थान में जब कास्तकारी कानून लागू हुआ तब मंदिर माफी/ देव मूर्ति की भूमि का मालिक देव मूर्ति को बनाकर देव मूर्ति को नाबालिग मान कर पुजारियों को देव मूर्ति का संरक्षक व उक्त भूर्मियों का कास्तकार मान कर राजस्व अभिलेखो में दर्ज कर लिया गया। राज्य सरकार के परिप्रत्र दिनांक 13.12.1991 के द्वारा पुजारियों के उपरोक्त अधिकार छीन लिये गये तभी से स्वामी समाज अपने अधिकार वापिस लेने के लिए संघर्ष कर रहा है। अब राज्य सरकार ने दिनांक 12.09.2018 को उक्त भूर्मियों के बारे में एक परिप्रत्र जारी किया है मगर जब तक दिनांक 31.12.1991 का परिपत्र व अन्य परिपत्र जो उक्त जमीनों के बारे में पुजारियें के खिलाफ जारी हुए है उन्हे विलोपित (निरस्त या खारिज ) नहीं किया जाता तब तक पुजारियों को कोई फायदा नही होगा। कैलाश नारायण स्वामी ने कहा की सरकार ने स्वामीयों के साथ धोखा किया है। तथा कहा कि हमें विधान सभा में हमारे उम्मीदवार उतारने का विचार करना चाहिए बैठक में जगदीश स्वामी अध्यक्ष स्वामी समाज डॉ. सुमेर सिंह सांवरमल स्वामी ऐडवोकेट सीनियर उपााध्यक्ष रघुवीर स्वामी आदि ने समाज की कुरितियॉ दूर करने महिला शिक्षा समाज के उत्थान तथा समाज का भवन व छात्रावास बनाने के बारे में अपने-अपने विचार रखें जिस पर भवन व छात्रावास के लिए कई जगह जमीनें देखी गई। जब तक स्वामी समाज को उक्त भूमियों की खातेदारी या खातेदारी जैसे सारे अधिकार नही दिये जाते, स्वामी समाज का आंदोलन जारी रहेगा। सरकार स्वामी समाज को कमजोर ना समझे।