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कलक्टर ने दुखियारी माँ की सुनी पुकार बेटे की पेंशन शुरू करने के निर्देश दिए

प्रतिदिन एक विभाग के साथ बैठक में विस्तृत चर्चा की जाएगी

नीमकाथाना, जिला कलक्टर शरद मेहरा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभिन्न विभागों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में राज्य बजट घोषणाओं, पेयजल, बिजली, चिकित्सा तथा अन्य विभागों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए उन्होंने कहा कि अब साप्ताहिक समीक्षा बैठक के अतिरिक्त प्रतिदिन एक विभाग के साथ बैठक होगी, जिसमें सम्बधित विभाग के साथ विस्तृत चर्चा होेगी।

कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि वर्षा के समय सड़कों पर जल-भराव के स्थानों को चिन्हित कर समस्या का स्थाई समाधान करें। चला गाँव में पेट्रोल पम्प के पास सड़क पर भरने वाले पानी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। इसलिए उसका शीघ्र समाधान करें।
कलक्टर ने एक स्थानीय समाचार-पत्र में छपी खबर ‘बेटे की पेंशन शुरू करवाने के लिए भटक रही माँ पर संज्ञान लेकर सीएमएचओ एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को शीघ्र उचित कार्यवाही कर जल्द पेंशन शुरू करवाने के निर्देश दिए।

मेहरा ने कहा कि जलदाय विभाग जिले में बने नए ट्यूबवेल को जुलाई माह के अन्त तक चालू करने और कुछ क्षेत्रों में पानी के टैंकरों की आवश्यकता होने पर पानी के टैंकर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सा विभाग से कहा कि जहां-जहां पानी भरता है, वहां दवा का छिड़काव करवाएं और घरों में टायर, कूलरों, गमलों आदि में जमा पानी को हटाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएं।

कलक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र में छत टपकने अथवा जल-भराव के कारण बच्चों को आने-जाने में परेशानी हो, तो ऐसी जगहों पर पानी निकासी उचित व्यवस्था पंचायत की सहायता से करवाएं. साथ ही, आंगनबाडी मे मिलने वाली सुविधाओं का चार्ट बना कर निरीक्षण करें कि कौन-कौन से सुविधा उपलब्ध नहीं है. जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूलों में निरीक्षण के दौरान मिड डे मील पर भी नियमित रूप से निगरानी रखने के निर्देश दिए।

कलक्टर मेहरा ने बैठक में वृक्षारोपण अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग जिले में अपने-अपने निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार वृक्षारोपण अभियान को मूर्तरूप दे। सभी विभागों के अधिकारी औचक निरीक्षण नियमित रूप से करें, क्योंकि औचक निरीक्षण से ही योजना के धरातल पर क्रियान्वयन की वास्तविकता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि सभी विभाग सम्पर्क पोर्टल पर प्राप्त प्रकरणों और शिकायतों का रिव्यू कर जल्द से जल्द उनको निस्तारित करें। अधिकतर राजकाज पर ई-फाइलिंग या ई-डाक के माध्यम से फाइल चलाए और समय पर डिस्पोज करते रहें। सभी विभाग प्रभारी सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना करना सुनिश्चित करें।

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