
1993 के बाद से सादुलपुर में दोबारा नहीं जीती कोई पार्टी
सादुलपुर, [सुभाष प्रजापत ] लंबे इंतजार और कई दौर की बैठकों के बाद कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पहली सूची जारी कर दी है। सादुलपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने एक बार फिर वर्तमान विधायक राज्य क्रीड़ा परिषद की अध्यक्ष डॉ. कृष्णा पूनिया को मौका दिया है। खास बात ये है कि 1993 के बाद से इस सीट पर कोई भी पार्टी दूसरी बार नहीं जीत पाई है। तब यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1998 में भाजपा 2003 में कांग्रेस, 2008 में भाजपा, 2013 में बसपा और 2018 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की।कृष्णा पूनिया ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2013 में सादुलपुर से लड़ा। इससे पहले 2003 में हुए चुनाव में यह सीट कांग्रेस के नंदलाल पूनिया ने जीती थी। अगले चुनाव 2008 में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद 2013 में पार्टी ने चेहरा बदला और कृष्णा पूनिया को टिकट दिया। उनके सामने भाजपा की कमला कस्वा थी जबकि बसपा से मनोज न्यागली । त्रिकोणीय संघर्ष में बसपा मनोज न्यांगली चुनाव जीते। इस तरह से कृष्णा पूनिया अपना पहला चुनाव हार गई। इसके अगले चुनाव 2018 में कृष्णा पूनिया को वापस पार्टी ने प्रत्याशी बनाया और वे जीती। इन चुनाव में भाजपा की कमला कस्वा तीसरे नंबर पर और बसपा से मनोज न्यांगली दूसरे नंबर पर रहे।