1000 रुपयों के बाद 1500 रुपये की और मिलेगी सहायता
चूरू, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति में जरूरतमंद गरीब परिवारों को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत सहायता राशि उपलब्ध करवाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केबिनेट मंत्री मेघवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों के पात्र परिवारों को 1000 रुपये की सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया था जिसके दिशा-निर्देश श्रम एवं रोजगार विभाग के 25 मार्च के आदेश में जारी किए गए हैं। अब राज्य सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों में पात्र परिवारों को 1500 रुपये की सहायता राशि और देने का निर्णय किया है जिसकी प्रक्रिया श्रम विभाग के पूर्व आदेश के अनुरूप ही रहेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार जिन 30 लाख 81 हजार 634 पात्र परिवारों को राजस्थान से राज्य स्तर से 2500 रुपये की सहायता उपलब्ध कराई गई है उनमें अतिरक्ति श्रेणी 1 व 2 के शेष परिवारों तथा श्रेणी तीन व चार के समस्त परिवारों को सहायता जिला स्तर पर निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि उनमें अधिक श्रेणी 1 पदों के शेष परिवारों तथा श्रेणी 3 व 4 के समस्त परिवारों को सहायता जिला स्तर पर निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। इसके तहत प्रथम किस्त 1000 रुपये की सहायता राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जिला कलक्टर द्वारा श्रम विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा तथा द्वितीय किस्त की राशि 1500 रुपये के क्रम में उपयोगिता प्रमाण पत्र आयुक्त, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि राशि 1500 रुपये प्रति परिवार की सहायता के लिए संबंधित जिलों के जिला कलक्टर द्वारा इंगित बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी गई है। राज्य स्तर से जिन पात्र परिवार को सहायता राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई है उनकी सूची क्षेत्रवार डाउनलोड करने की प्रक्रिया के बारे में भी अवगत करा दिया गया है। केबिनेट मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इस प्रक्रिया में उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी, तहसीलदार और नगरपालिका के र्कायकारी अधिकारी अपने एसएसओ लॉगइन आईडी का उपयोग करते हुए सूची डाउनलोड करेंगे तथा यथासंभव दोहरे भुगतान को रोकते हुए पात्र परिवारों को जिला स्तर पर भुगतान किया जाना सुनिश्चित करेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान अधिक महत्वपूर्ण जरूरतमंद व्यक्ति अथवा परिवार को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के दिशा निर्देश दिए गए हैं।