मिशन निदेशक ने वीसी के जरिये टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा कर निजी चिकित्सकों को गाइडलाइन पालन के दिये निर्देश
झुंझुनूं, टीबी रोगी हाई रिस्क के है, उन्हें विशेष रूप से कोविड 19 से बचाव के लिए समझाने के साथ-साथ उनका पूरी सावधानी के साथ स्वास्थ्यकर्मी निर्बाध रूप से उपचार जारी रहे। इसी को लेकर गत बुधवार को स्वास्थ्य भवन में मिशन निदेशक नरेश कुमार ठकराल की अध्यक्षता में राज्य के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं जिला क्षय रोग अधिकारियों की वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें मिशन निदेशक ठकराल ने टीबी रोग उन्मूलन के लिए निजी क्षेत्र की सहभागिता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि प्रदेश के समस्त निजी उपचार ले रहे टीबी रोगियों को नोटिफाई किया जाए। इसके लिए संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा नियमित रूप से निजी चिकित्सकों का सेंसिटीजशन किया जाए एवं रोगियों के आउटकम के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जाए। इस वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग में मिले निर्देशों के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. छोटेलाल ने टीबी कार्यक्रम में कम उपलब्धि वाले ब्लॉक को विशेष कार्ययोजना तैयार कर लक्ष्य अर्जित करने के निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के चलते टीबी रोगियों के प्रति स्वास्थ्य विभाग की दोहरी जिम्मेवारी बन गई है, क्योकि टीबी रोगी हाई रिस्क के होने के कारण उसके टीबी रोग के उपचार के साथ-साथ, स्वास्थ्यकर्मी को उसे कोरोना संक्रमण से भी बचाना होगा। इसी के साथ सीएमएचओ डॉ. गुर्जर ने सभी बीसीएमओ को टीबी कार्यक्रम से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों के साथ अर्धमासिक रूप से कार्यक्रम की समीक्षा करने के लिए पाबंद किया है। इसके अलावा सीएचएचओ ने टीबी कार्यक्रम के तहत निजी क्षेत्र की सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक चिकित्सक की सूची बनाकर नोटिफिकेशन के लिए प्रेरित करने और चिकित्सकों द्वारा कार्यक्रम की गाइडलाइन का पालन नही करने पर नोटिस देने के भी निर्देश दिए। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.विजयसिंह ने सभी ब्लॉक सुपरवाईजर को अपने अधीन सभी टीबी रोगियों की एचआईवी, ब्लड शुगर एवं यूडीएसटी जांच के निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिये। साथ ही जिला क्षय रोग अधिकारी ने सभी ब्लॉकों की न्यून लक्ष्यों की समीक्षा करने, ऑनलाइन एंट्री समय पर करने, सभी रोगियों को समय पर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने और नियमित प्रभावी मोनिटरिंग करने के निर्देश दिए।