नगरपालिकाओं तथा पंचायत समितियों के समक्ष खाद्य सामग्री के भंडारण की समस्या
झुंझुनूं, जिले के सातों विद्यायकों द्वारा विधायक कोष से 3 करोड़ रुपये के खाद्यान्न किट बंटवाने की अभिशंसा करने के तीन दिन के भीतर ही जिले के उपभोक्ता होलसेल भंडार द्वारा 10 हजार किट तैयार करवाकर स्थानीय निकायों को भिजवा दिये गये हैं। इससे पहले प्रत्येक ग्राम पंचायत ने अपने फण्ड से 20 से 50 किट स्थानीय स्तर पर खरीद कर स्टॉक कर रखा है। परन्तु स्थानीय दानदाताओं द्वारा बढ़ चढ़कर सामग्री वितरित करने के कारण पंचायतों का स्टॉक अभी तक सुरक्षित पड़ा है। नगरपालिकाओं तथा पंचायत समितियों के समक्ष खाद्य सामग्री के भंडारण की समस्या पैदा हो गई है। अधिकतर स्टाफ बीमारों का घर घर सर्वे करने तथा सरकार द्वारा जारी अनुग्रह राशि के वितरण में व्यस्त होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न प्राप्त करने के पात्र लोगों के लिए मांग नही आ रही हैं। जिला नियंत्रण कक्ष में आम जनता की और से जो मांग आ रही है, उसमे आधे से अधिक लोग संग्रहण करने की कोशिश करते पाये गये । झुंझुनूं नगर परिषद क्षेत्र के एक व्यक्ति ने तो गैस सिलेंडर दिलवाने की भी शर्त रख दी। इसी वार्ड पार्षद अपने अपने लोगों को अधिकाधिक सामग्री दिलवाने का प्रयास करते पाये गये। ग्रामीण क्षेत्रों में आगामी महीनों में सरपंच के चुनावों की संभावना के मद्देनजर संभावित दावेदार अपने समर्थकों को सरकारी सहायता दिलवाने के लिये प्रयासरत है। जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट द्वारा अभावग्रस्त परिवारों के सर्वे के लिए ग्राम पंचायत के सचिव, सहायक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहयोगिनी तथा अध्यापक की समितियां बनाई गईं हैं जो जरूरत मंद परिवारों के बारे में प्रतिदिन ब्लॉक कंट्रोल रूम को जानकारी देंगे तथा सामग्री वितरण का सत्यापन करेंगे। जिला स्तर पर संकलित जानकारी के अनुसार जिले की पंचायती राज संस्थाओं द्वारा गत 15 दिनों के दौरान मात्र 2500 तथा नगरीय निकायों द्वारा 2800 परिवारों को ही खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई गई है।