अजब गजबचुरूताजा खबर

दंगल फिल्म की कहानी से कम नहीं सादुलपुर के शिशुपाल की कहानी

पिता ओर ताऊ ने खेत में बनवा दिया ट्रेक

पिता बकरियां चरा कर करते हैं घर का पालन पोषण

घर में नहीं है फ्रीज टीवी और अनरॉयड मोबाइल

सादुलपुर [कृष्ण फगेड़िया ] तहसील की मुंदी ताल गांव की सरोज चौधरी ने सिरोही में चल रही 43 वी रेंज स्तरीय प्रतियोगिता 8 गोल्ड मेडल जीतकर राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर जोधपुर व गाँव का नाम रोशन कियाहै।जोधपुर आरपीसी टीम में शामिल सरोज चौधरी की कहानी दंगल फिल्म की कहानी से कम नहीं है । फिल्म में गीता और बबीता के पिता ने देश के लिए गोल्ड जीतने अपने सपने को पूरा करने के लिए बेटियों को रेसलिंग में उतारा था और सफल भी हुए। ठीक वैसे ही मुंदी ताल के शिशुपाल कोठारी ने अपनी बेटियों को एथलेटिक्स बना दिया। एक बार नेशनल स्तर पर दौड़ में गोल्ड जीतने वाले शिशुपाल की परिवार की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वे आगे नहीं खेल सके और उनका ये सपना टूट गया जिसका उसे काफी मलाल रहा। बाद में अपना सपना पूरा करने के लिए उन्होंने परिवार की बेटियों को एथलेटिक्स बना दिया। इसके लिए उन्होंने पहले तो गांव के जोड़ में बेटियो को दौड़ लगाने के लिए ट्रेक बना कर दिया। लेकिन वहां विरोध होने पर उन्होंने खुद की खेत में दौड़ का मैदान बना लिया। पहलवान महावीर फोगाट की तरह उन्होंने भी बेटियों को मसालेदार खाने और फ्रिज में रखा सामान खाने पर पाबंदी लगा दी और वहीं आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से घर में टीवी फ्रिज और मोबाइल अब तक भी नही है। इसका नतीजा यह रहा कि पांच बेटियां खुद की व तीन भाई की। 8 बेटियां नेशनल लेवल पर अब तक 50 से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुकी है वही सरोज रेंज स्तरीय टूर्नामेंट में आठ गोल्ड मेडल जीत चुकी है।

Related Articles

Back to top button