दशरथ केकैयी संवाद व राम वन गमन की लीला ने दर्शकदीर्घा को किया मोहित
अजीतगढ़, [विमल इंदौरिया] शहर के मुख्य चौपड़ में स्थानीय नवयुवक रामलीला नाट्य कला मंडल के द्वारा पच्चीस सितंबर से दशहरे तक दिखाई जा रही रामलीला में शुक्रवार को रात आठ से ग्यारह बजे तक मंथरा केकैयी संवाद, दशरथ केकैयीं संवाद तथा राम वन गमन की दिव्य लीला का पंडित जुगल किशोर जोशी व भरत सिंह की देख रेख में मंचन किया गया। चक्र चूड़ामणि महाराज दशरथ को जब पता चला की महारानी केकैयी कोप भवन में हैं तो महाराज ने कोप भवन के रास्ते में चलते हुए कहा कि चलते हैं सच्चे तीर सदा ,पर झूंठें दाव नहीं चलते। दशरथ तो चलता है ,पर दशरथ के पांव नहीं चलते । इसके बाद रानी के द्वारा अपने दूसरे वरदान में राम के लिए चौदह वर्ष का जब वर मांगा तो दशरथ के किरदार में दिनेश गोविंद शर्मा ने अपनी करुण प्रस्तुति से दर्शकदीर्घा की आंखों में आसूं छलका दिए ।राम वन गमन का कारूण्य पूर्ण दृश्य देखकर दर्शक रो पड़े।
मंच पर भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर माधोसिंह , विश्व हिंदू परिषद के श्रीमाधोपुर प्रखंड के अध्यक्ष उमा शंकर टतेरा का मंडल अध्यक्ष श्रवण लाल पारीक, वरिष्ठ रंगकर्मी पंडित जुगल किशोर जोशी, अजीतगढ़ विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष विष्णु सेठी, मंत्री मोहन लाल पारीक ने साफा पहनाकर स्वागत किया।रामलीला में दिनेश गोविंद शर्मा ने दशरथ का , श्रवण लाल पारीक ने मंत्रीवर सुमंत का, नवरत्न शर्मा ने राम का, वैभव जोशी ने लक्ष्मण का, हंशुल माछुपुरिया ने सीता का, जगदीश स्वामी ने गुरुदेव वशिष्ठ का, सुंदर माछुपुरिया ने मंथरा का तथा अनिल राणा ने केकैयी का अभिनय किया था।रामलीला में आज भरत मिलाप व सीता हरण की भव्य लीला का मंचन होगा।