अगर देश की रक्षा करने वाले फौजी जवान के परिवार के साथ ही इंसाफ ना हो और फौजी के परिवार को दर-दर भटकना पड़े और इंसाफ के लिए जिला प्रशासन के आगे धरने पर बैठना पड़े तो इससे ज्यादा और शर्म की क्या बात हो सकती है कि जो फौजी देश की सीमा पर अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए देश की रक्षा करता है और अगर उसी फौजी की हत्या कर दी जाए और उससे भी बदतर के उस फौजी के परिवार को हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए धरने पर बैठना पड़े इससे ज्यादा सिस्टम की औऱ क्या कमी हो सकती है। जी हां हम बात कर रहे हैं झुंझुनू के सूरजगढ़ थाना के किढवाना गांव की। कीढवाना गांव के फौजी अखिलेश जो फौज में अपनी सेवाएं दे रहे थे और 18 अक्टूबर को अपनी बहन की शादी में गांव आए हुए थे और 2 दिसंबर की शाम को गांव के पास ही कुछ लोगों ने अखिलेश को पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी परिवार वालों ने हत्या का मुकदमा भी दर्ज करवाया मगर संबंधित थाना इंचार्ज ने 302 धारा न लगाकर 304 धारा लगाकर मुकदमा दर्ज कर लिया और मात्र 5 लोगों की गिरफ्तारी करके इतिश्री कर ली अन्य बचे हुए 3 और लोगों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जिसको लेकर आज मृतक फौजी अखिलेश कि मां और चाचा व पूरे परिवार के साथ गांव के सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठ कर इंसाफ की मांग कर रहे हैं। मृतक फौजी अखिलेश की माँ ने रोते-रोते मीडिया को बताया कि उसका बेटा जो देश में अपनी सेवाएं दे रहा था वह हम लोगों की रक्षा के लिए ही देश की सीमा पर कार्यरत था जो 18 अक्टूबर को बहन की शादी में शामिल होने के लिए आया और 2 दिसंबर को कुछ लोगों ने पीट पीट कर उसकी हत्या कर दी जिसका खुलासा अभी तक भी नहीं हुआ है की हत्या किस वजह से की गई और ना ही पूरे आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है मृतक फौजी अखिलेश की मां ने कहा कि उसका बेटा तो चला गया मगर वह किसी और के बेटे के साथ में ऐसी घटना नहीं होने देगी चाहे उसे भूख हड़ताल करके यहां पर खत्म होना पड़े मगर जब तक सभी हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा वह इस धरने से नहीं उठेगी झुंझुनू डीवाईएसपी ममता सारस्वत ने बताया इस मुकदमे की जांच मेरे पास है और इस मुकदमे में 5 लोग जे.सी भी काट रहे हैं और बाकी बचे हुए आरोपियों की तलाश भी की जा रही है और जल्द ही उनको भी गिरफ्तार किया जाएगा और मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।