12 वीं बोर्ड परीक्षा में 98 प्रतिशत अंकों से पास होकर पेश की अनोखी मिसाल
बचपन से ही अपने हाथ में विकलांगता का दर्द लेकर भी बढ़ता गया अपने लक्ष्य की ओर
घाटवा के विशाल सिंह शेखावत ने किया अपने क्षेत्र का नाम रोशन
दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] क्षेत्र के निकटवर्ती ग्राम घाटवा में सरस्वती शिक्षा निकेतन संस्था में 12वीं विज्ञान क्लास में पढ़ने वाला छात्र विशाल सिंह शेखावत पुत्र स्वर्गीय गिरधारी सिंह ने शारीरिक दुर्बलता होने के बावजूद परीक्षा में 97.60 प्रतिशत से सफलता हासिल कर समाज के सामने एक अनोखी मिसाल कायम की है और अपने परिवार विद्यालय, गांव तथा जिले का नाम रोशन किया है। आपको बता दें की विशाल की पारिवारिक स्थिति काफी दयनीय है और विशाल के पिता की मृत्यु करीब 13 साल पहले ही हो गई थी। चार बड़ी बहनों के बीच में एकमात्र भाई जो कि बचपन से ही हाथों से विकलांग है उसने यह साबित कर दिया कि वह अपने इरादों से विकलांग नहीं है। संस्था निदेशक पूरणमल शर्मा ने बताया कि विशाल विद्यालय का वह होनहार छात्र है जिसने अपनी मेहनत और मजबूत इरादों के साथ में शारीरिक दुर्बलता को भूलकर अपने लक्ष्य को हासिल किया है। विशाल सिंह ने मीडिया को बताया कि इस सफलता के पीछे उसकी मां और बड़ी बहनों तथा शिक्षकों द्वारा दी गई शिक्षा और हिम्मत व साथ देना है। विशाल ने मीडिया के जरिए अपने साथी छात्रों को भी संदेश दिया है कि एक लक्ष्य रखकर और मेहनत के साथ अगर पढ़ाई की जाए तो सफलता हमारे कदम चूमती है। विशाल ने बताया कि अब वह आगे सिविल सर्विस में जाना चाहेंगे और देश की सेवा करेंगे इसके लिए दिन रात मेहनत करेंगे। इसके साथ ही संस्था प्रधान ने पंकज शर्मा ने बताया कि विद्यालय की दो छात्राओं ने भी 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाकर विद्यालय और गांव का नाम रोशन किया है उन्होंने बताया कि तनीषा सेन पुत्री नरेंद्र कुमार सेन ने 92.60 प्रतिशत अंक हासिल किए तो वही रेखा कुमावत पुत्री पप्पू राम कुमावत ने 91 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सफलता हासिल की। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विद्यालय का बारहवीं विज्ञान वर्ग का परिणाम शत प्रतिशत रहा।
परीक्षा परिणाम आने के बाद विद्यालय परिवार ने विशाल सहित दोनों छात्राओं और अभिभावकों को माला पहना कर मिठाई खिलाकर उनका स्वागत सम्मान कर हौसला अफजाई की।
10 वीं बोर्ड में भी लहराया था परचम
आपको बता दें कि होनहार छात्र विशाल शेखावत ने 2020 में दसवीं बोर्ड परीक्षा में भी 96 अंक हासिल कर विद्यालय गांव और जिले का नाम रोशन किया था। विशाल पिछले 14 वर्षों से घाटवा की सरस्वती शिक्षा निकेतन विद्यालय में अध्ययन कर रहा है और इस दौरान विद्यालय परिवार की ओर से आज तक विशाल से अध्ययन शुल्क नहीं लिया गया विशाल ने बताया कि विद्यालय परिवार ने हमेशा अपने परिवार के सदस्य की तरह मेरा हौसला बढ़ाया और मुझे जब भी मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी तो सदैव मेरे शिक्षकों ने मेरा मार्गदर्शन किया।
घर में कोई नहीं है कमाने वाला
छात्र विशाल ने बताया कि उसके पिता की मौत 13 साल पहले हो गई और परिवार में उसकी मां और तीन बड़ी बहने हैं। पिता की मृत्यु के बाद मां और बड़ी बहनों ने ही घर की बागडोर संभाली और पुश्तैनी जमीन पर खेती-बाड़ी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। विशाल ने बताया कि अध्ययन के लिए अगर उसे किसी भी संसाधन की आवश्यकता पड़ी तो उसकी मां और बहनों ने तुरंत वह चीज उसे उपलब्ध करवाई आज उन्हीं की बदौलत वह इस मुकाम तक पहुंच पाया है।