मनाया राम विवाह महोत्सव
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] शहर के श्रीपंचमुखी बालाजी धाम में चल रही श्रीराम कथा के पांचवें दिन बुधवार को कथा वाचक शंभुशरण लाटा ने कहा कि राम कथा हमें सद् मार्ग पर चलना सिखाती है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन श्रीरामचरितमानस का पाठ हर व्यक्ति को करना चाहिए। श्रीरामचरितमानस स्वाध्याय से मनुष्य सभी सांसारिक दुखों से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा और श्रीराम का जीवन अनुकरणीय है। श्रीराम उच्चतम प्रतिमान व वैदिक हिंदू धर्म संस्कृत के प्राण है। श्रीराम परम धर्म है, भगवान प्रभु श्रीराम के पावन चरित्र से समस्त उच्चताएं, दिव्याताएं एवं श्रेष्ठताएं समाहित है। महाराज ने कहा कि श्रीराम को अपने अंतकरण में उतारकर देखें, तो आपका जीवन धन्य हो जाएगा। शिव धनुष टूटने के बाद भगवान परशुराम का क्रोधाग्नि के साथ प्रवेश का प्रसंग सुनाते हुए कथा वाचक ने कहा कि क्रोध व्यक्ति के विवेक को हर लेता है। इस दौरान अच्छे-बुरे का भेद कुछ क्षण के लिए भूल जाते हैं, इसलिए जीवन में क्रोध पर नियंत्रण होना बहुत आवश्यक है। इस दौरान राम विवाह महोत्सव मनाया गया। राम विवाह के प्रसंग में विवाह के गीतों पर श्रोताओं ने उत्साहपूर्वक नृत्य कर तथा पुष्प वर्षा कर खुशियां मनाई। कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान राजेंद्र बणसिया परिवार ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की। कथा में गौरीशंकर चोटिया, अनिल अग्रवाल, पवन अग्रवाल, सुरेश केडिया, श्यामसुंदर अग्रवाल, सने बणसिया, बलवीर पारीक, ब्रिजदान चारण, कैलाश पारीक, ब्रह्मानंद धनानीया, राजकुमार छंगानी, राजेंद्र सोनी, विकाश शर्मा, विनोद शर्मा, पुजारी हरिचरण, कुलदीप व्यास, राजकुमार मुरारका, अजय बणसिया, रामनिवास मंगलहारा, लक्ष्मीनारायण बणसिया, हनुमानाराम मेघवाल सहित सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।