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ढकोसला साबित हो रहा है महिला सशक्तिकरण

पुलिस महानिदेशक के आदेश भी हवा में उड़ाती पुलिस

झुंझुनूं(रमेश रामावत) , एक तरफ जहां महिला सशक्तिकरण को लेकर पुलिस अभियान चला रही है..वहीं एक दुष्कर्म पीड़िता को न्याय मिलने में इतना समय लगना कहीं न कहीं पुलिस की कथनी एवं करनी पर सवाल जरुर खड़े करता है। शिक्षा नगरी पिलानी में क्या बेटियां सुरक्षित नहीं है…ये सवाल इसलिए क्योंकि एक और नाबालिग लड़की का अपहरण किये जाने तथा उसके बाद दुष्कर्म किये जाने का मामला सामने आया है। एक तरफ झुंझुनू पुलिस अधिक्षक थाने-थाने जाकर लडकियो के कॉलेज -कॉलेज जाकर महिला सशक्तिकरण अभियान चला रहे है। महिलाओ को अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाने की बात कह रहे है। वही उनकी ही पुलिस लगता है। उनके अभियान की हवा निकालने में लगी है। नहीं तो कम से कम ये तो नहीं हो ताकि 31 अगस्त को मामला दर्ज करवाया और 26 सितंबर को पीड़िता का मेडिकल करवाया जाता है वो भी नेशनल एन्टी क्राइम एंड हुमन की दखल के बाद नहीं तो पता नहीं क्या होता पुलिस अधीक्षक साहब और इसी हफ्ते बुधवार को महिला सशक्तिकरण अभियान के शुभारंभ के अवसर पर राजस्थान पुलिस के महानिदेशक डॉ भूपेंद्र सिंह के साथ पिलानी मौजूद थे। निदेशक साहब ने पिलानी थाने का औचक निरीक्षण भी किया था इस दौरान भी उनसे मामला छिपाया गया है। हैरान करने वाली बात ये सामने आई है कि नाबालिग लड़की को पुलिस थाना के पीछे एक मकान में रखा गया और वहां पर बारी-बारी से दुष्कर्म किया गया। सामने ये भी आया है कि नाबालिग लड़की को नशीला पदार्थ पिलाया गया और उसके बाद दुष्कर्म किया गया और नशीला पदार्थ पिलाकर एक कागजात पर साइन करवा लिये, जिन पर साइन करवाए गए वो शादी के कागजात है। बता दे कि 31 अगस्त को नाबालिग लड़की के पिता ने पिलानी थाने में रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में बताया कि उसकी नाबालिग लड़की जो कि पास ही के गांव की रहने वाली है, वो पिलानी में एक निजी महाविद्यालय में पढ़ने के लिए घर से निकली। पिलानी में एक अशोक कुमार निवासी धिंधवा ने नाबालिग लड़की का बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया तथा उसे नशीला पदार्थ पिलाकर पुलिस थाने के पीछे अपने रिश्तेदार के यहां एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद अशोक कुमार तथा अन्य चार लड़को ने उसके साथ बारी-बारी दुष्कर्म किया। पुलिस ने पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर धारा 365 में मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी। बता दे कि 31 अगस्त को मामला दर्ज होने के बावजूद भी पीड़िता का मेडिकल नहीं हुआ। तथा अब 26 सितंबर को पिलानी में मेडिकल बोर्ड के द्वारा मेडिकल हुआ है। बता दे कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म तो हुआ ही.. साथ ही नशे में ही कुछ कागजात भी साइन करवाए गए। जोकि शादी के कागजात बताए जा रहे है। मामले में काईवाई नहीं होने पर पीड़िता के पिता नेशनल एंट्री क्राइम एंड हुमन राइट्स काउंसिलिंग ऑफ इंडिया की टीम राजस्थान से संपर्क किया और मामले की जानकारी दी। राजस्थान की टीम ने उच्चधिकारियों से इस मामले में अवगत करवाया तथा उच्चधिकारियों की दखल से चिड़ावा वृताधिकारी रघुवीर प्रसाद ने मामले का संज्ञान लिया। चिड़ावा वृताधिकारी के आदेश पर ही पुलिस हरकत में आई और मेडिकल बोर्ड के द्वारा अब मेडिकल हुआ है। वहीं मामले पीड़िता के 164 के बयान पंजीवत किये गए है।

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