नही ली प्रशासन से अनुमती
आज झुंझुनू जिला मुख्यालय पर वाम जनवादी संगठनों ने मिलकर सीकर में पिछले दिनों हुई छात्र संघ चुनाव के बाद की घटना में छात्राओं पर हुए लाठी चार्ज व झुंझुनू में पुलिस की नाकामी के खिलाफ धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। खास बात यह रही कि मंडावा उपचुनाव को लेकर जिले में धारा 144 लगी हुई है इसके बावजूद भी जिला प्रशासन से किसी भी प्रकार की अनुमती भी ली गई। कॉमरेड फूलचंद बरवर ने जानकारी देते हुए बताया कि 28 अगस्त को सीकर में छात्राओं पर पुलिस द्वारा की गई दमनकारी घटना व माकपा के दफ्तर में पुलिस एसपी के नेतृत्व में हमला किया गया और पार्टी के पूर्व विधायक पेमाराम व पदाधिकारियों को पकड़कर ले गए। इन सभी पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर की मांग वाम संगठनों ने की थी। कल डिप्टी व पुलिस कर्मियों का ट्रांसफर तो कर दिया गया लेकिन एसपी का ट्रांसफर नहीं किया गया। इसके विरोध में तथा झुंझुनू पुलिस की नाकामी पर हम विरोध प्रदर्शन कर रहे है। झुंझुनू पुलिस पर नाकामी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि झुंझुनू जिले में पिछले 1 साल में जितने भी चोरियां हुई है उसकी 10{44d7e8a5cbfd7fbf50b2f42071b88e8c5c0364c8b0c9ec50d635256cec1b7b56} भी रिकवरी पुलिस ने नहीं की है। साथ ही उन्होंने चोरी की घटनाओं व झुंझुनू शहर में हुई डकैती को लेकर पुलिस पर चोरी और गुंडों से मिलीभगत का आरोप भी लगाया। वही पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीकर में हुए धरना प्रदर्शन के दौरान छात्राओं के अश्लील डांस पर उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ है तो चाहे मेरा बाप हो मेरा भाई हो या नेता हो उसकी हम निंदा करते हैं। इससे पहले वाम संगठनों ने शहर में विरोध प्रदर्शन रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर धरने पर बैठ गए। धरने को अनेक वाम संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर एसएफआई की अनेक छात्र नेता एवं कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे। वही धरना प्रदर्शन के लिए कोई अनुमती ली गई। इस मामले में उपखण्ड अधिकारी झुंझुनू का कहना है कि इसके लिए प्रशासन से कोई अनुमती नहीं ली गई है, कोई भी लीगल कार्रवाई इसके लिए पुलिस ही करेगी। वही झुंझुनू जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव का कहना है कि अनुमती देने का काम जिला प्रशासन का है यदि अनुमती नही ली गई है तो पुलिस के द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।