जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी की अध्यक्षता में
सीकर, जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी की अध्यक्षता में बाल श्रमिक उन्मूलन एवं बाल श्रम रोकथाम, बंधक श्रम एवं भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अन्तर्गत गठित टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। जिला कलेक्टर ने बैठक में बाल श्रमिक की रोकथाम के लिए गठित टीम द्वारा समय-समय पर सर्वे कर बाल श्रम रोकने एवं संबंधित संस्थान के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश प्रदान किये गये। उन्होंने बंधक श्रमिक टास्क फोर्स द्वारा पहचान किये गये श्रमिकों को पुर्नवास के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के लिये संबंधित उपखंड अधिकारियों को निर्देशित किया गया, साथ ही उपकर संग्रहण के लिए नगर परिषद्, यूआईटी एवं नगर पालिकाओं को नये भवन के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने के समय ही निर्धारित उपकर जमा करने के निर्देश प्रदान किये गये। श्रम विभाग द्वारा 10 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक चलाये जा रहे उपकर संग्रहण अभियान में जिले को आंवटित लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश प्रदान किये गये। जिला कलेक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि जो बच्चे बाल श्रमिक से मुक्त हो गये है उनके परिजनों से बात करें की वे बच्चें स्कूल जा रहे है या नहीं जो बच्चें स्कूल नहीं जा रहे है उनके माता-पिता से बात कर उनकों विद्यालय में प्रवेश दिलाने के लिए पाबंद करें।
जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने बैठक में निर्देश दिये कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले श्रमिकों के पंजीयन आवेदन व विभिन्न योजनाओं में प्राप्त सहायता राशि के आवेदन समय पर निस्तारण करें व श्रम विभाग की योजनाओं से पात्र श्रमिकों को लाभान्वित करवाना सुनिश्चित करें। उन्होेंने श्रम आयुक्त से जानकारी प्राप्त की की अब तक कितने बच्चों को बाल श्रम में पकडा गया है और वे बच्चे कहां-कहां के है, और किस स्थान पर काम करते है। भवन निर्माण वाली साईट पर चैक करें की बाल श्रमिक मजदूर कार्य कर रहे है या नहीं। बाहर के बच्चे जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार से आने वाले बच्चों को श्रमिक के रूप में कार्य करवाते है तो उससे संबंधित क्या कार्यवाही की गई इसकी सम्पूर्ण जानकारी देवें। उन्होंने सहायक श्रम आयुक्त को बाल श्रम में नियमित निरीक्षण करते हुए की गई कार्यवाही की रिपोर्ट समयबद्धता से भिजवाने को निर्देशित किया। उन्होंने श्रम आयुक्त को निर्देश दिये कि बाल श्रम कार्यवाही सही तरीके से करें इसमें कोई कोताही नहीं बरतें और निरीक्षण का मासिक कलेण्डर जारी करें और किसने कितना निरीक्षण किया इसके बारे में अवगत करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि मृत्यु सहायता के प्रकरण , छात्रवृति एवं बाल श्रमिक के कार्य आपकी प्राथमिकता में होना चाहिए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर धारासिंह मीणा, जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारी, यूआईटी सचिव इन्द्रजीत सिंह, अधिशाषी अभियंता जिला परिषद् विनोद धादीच, सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई प्रियंका पारीक, बाल अधिकारिता डॉ. अनुराधा सक्सेना, प्रबंधक लीड बैंक ताराचंद परिहार, क्षेत्रिय प्रबंधक रीको, बाल कल्याण समिति एवं चाईल्ड हैल्प लाईन के सदस्य उपस्थित रहें।