वैश्विक पर्यावरण समस्याओं के समाधानार्थ भारतीय संस्कृति विषय पर
सरदारशहर, उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान मानित विश्वविद्यालय गांविमं के शिक्षा संकाय में वैश्विक पर्यावरण समस्याओं के समाधानार्थ भारतीय संस्कृति विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली, दक्षिणा फाउण्डेशन नई दिल्ली और उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान गांविमं के संयुक्त् तत्वावधान में किया गया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. पुरूषोत्तमलाल चतुर्वेदी कुलाधिपति केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा ने बताया कि दो दिवसीय संगोष्ठी में समाधान हेतु बहुत सारी बातें उभर कर सामने आई है। इस विभीषिका के संदर्भ में सोचने की आवश्यकता है कि हम कहां खड़े हैं? आज जिस प्रकार मूल्यों का क्षरण हो रहा है उससे मानव का प्रकृति से संबंध कम हुआ है। पंचमहाभूत और प्रकृति के प्रति भारतीय चिन्तन उच्च कोटि का रहा है। हिमांशु दूगड़ अध्यक्ष गांधी विद्या मंदिर ने बताया कि योग दर्शन से संयम शब्द आया है। ध्यान, धारणा समाधि से संयम की प्राप्ति होती है। शिक्षा के माध्यम से मानव को ज्ञान सम्पन्न कर पर्यावरण और प्रकृति का पोषण करना है। राष्ट्रीय संगोष्ठी का संक्षिप्त प्रतिवेदन डॉ. सरिता शर्मा संगोष्ठी समन्वयक ने प्रस्तुत किया।