जिला एवं सेशन न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना द्वारा शनिवार को दिये गये एक निर्णय में तेजी, लापरवाही व उपेक्षापूर्वक वाहन चलाकर शीशराम नामक व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु कारित करने के आरोपी ड्राईवर बजरंग लाल पुत्र जगदीश प्रसाद जाट निवासी रघुनाथपुरा थाना रानौली जिला सीकर की अपील खारिज करते हुये उसे जेल भेज दिया तथा न्यायाधीश सक्सेना ने न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय नवलगढ़ द्वारा आरोपी ड्राईवर बजरंगलाल को इस मामले में 21 दिसम्बर 18 को दिये गये दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा को कम करते हुये उसे एक वर्ष का साधारण कारावास व 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया तथा धारा 279 में भी 6 माह के साधारण कारावास से दण्डित करते हुये दोनों सजायें साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया। न्यायाधीश सक्सेना ने अपने आदेश में लिखा कि वर्तमान में सडक़ दुर्घटनाओं में निरंतर वृद्वि हो रही है, जिसका कारण राजमार्ग पर अंधाधुंध तरीके से उतावलेपन व लापरवाहीपूर्वक वाहनों का संचालन करना रहा है। ऐसे मामलों में सख्ती का रूख नहीं अपनाया जायेगा, तो इस प्रकार की सडक़ दुर्घटनाओं में निरंतर वृद्धि होती रहेगी। अभियुक्त बजरंगलाल द्वारा उपेक्षापूर्वक ढंग से वाहन का संचालन करने के कारण हुई दुर्घटना में मृतक शीशराम को अपनी जिन्दगी से हाथ धोना पड़ा था। यह मामला राकेश कुमार द्वारा 16 मार्च 2015 को पुलिस थाना नवलगढ़ पर दर्ज करवाया गया कि 15 मार्च 15 को उसका भाई शीशराम जयपुर से अपनी कार आरजे 14-8सी 7692 से अपने गांव बीबासर आ रहा था, कि रात्रि के करीब साढे आठ बजे बदराणा जोहड़ के पास झुंझुनू की तरफ से एक ट्रोला आरजे 14 जीबी 4569 का चालक वाहन को तेजी व लापरवाही से चलाता हुआ आया और उसके भाई की कार के टक्कर मारी, जिससे कार में बैठे उसके भाई शीशराम की मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने बाद जांच उक्त आरोपी बजरंग लाल के विरूद्ध संबंधित न्यायालय में चालान पेश कर दिया। इस्तगासा पक्ष द्वारा कुल 8 गवाहान के बयान करवाये गये थे तथा 10 दस्तावेज प्रदर्शित करवायें थे तथा इन सब दस्तावेजों एवं गवाहानों के बयानों पर गौर कर न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय नवलगढ़ ने बजरंग लाल को दो वर्ष के साधारण कारावास व धारा 279 में 6 माह के साधारण कारावास की सजा दिनांक 21 दिसम्बर 18 को दी थी। इस दोषसिद्धि एवं दण्डादेश से व्यथित होकर ड्राईवर बजरंगलाल ने सेशन न्यायालय झुंझुनू में अपील की थी। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी लोक अभियोजक लोकेन्द्र सिंह शेखावत ने की।