मजदूरी की मांग को लेकर निकाली विरोध रैली
दांतारामगढ़,[नरेश कुमावत] दांतारामगढ़ नरेगा श्रमिकों का मजदूरी की मांग को लेकर आंदोलन को उग्र होता जा रहा है। आज मंगलवार को सुबह 10 बजे से सैकड़ों की संख्या में नरेगा श्रमिकों द्वारा ग्राम पंचायत दांता के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और उसके बाद श्रमिकों द्वारा दांता कस्बे के बाजार में विरोध रैली निकालकर मजदूरी के पूरे पैसे देने की मांग की गई। उसके बाद श्रमिकों द्वारा रामगढ़ उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन दिया गया जिसमें पूरी मजदूरी देने की मांग करते हुए कहा गया कि अगर अधिकारी मामले की जांच कर पूरी मजदूरी नहीं दिलाते हैं तो कल उपखंड मुख्यालय पर आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान कॉमरेड इंदर सिंह लांबा, कॉमरेड हरफूल सिंह बाज्या, कॉमरेड चेन सिंह, कॉमरेड घनश्याम सांखला सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
माकपा का प्रत्येक कार्यकर्ता मजदूरों के साथ – पूर्व विधायक कॉमरेड अमराराम ने बताया कि नरेगा श्रमिकों को कड़ी धूप में काम करवा कर भी पूरी मजदूरी नहीं मिलना बहुत ही शर्मनाक बात है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से मनरेगा श्रमिकों के साथ में लॉकडाउन के दौरान सरकार व अधिकारियों द्वारा बर्ताव किया जा रहा है उससे साफ जाहिर होता है कि सरकार द्वारा मजदूरों को नीचे दबाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी से ज्यादा दोषी सरकार खुद है जो मजदूरों के ऊपर इस संकट की घड़ी में साथ देने की बजाय उनके द्वारा की जा रही मजदूरी के पैसे पूरे नहीं दिए जा रहे। उन्होंने कहा कि माकपा पार्टी का हर कार्यकर्ता मजदूरों के साथ में कंधे से कंधा मिलाकर मजदूरी की मांग उठाते हुए आंदोलन करेगा और मजदूरों को न्याय दिलाएगा अगर आवश्यकता पड़ी तो आंदोलन को उपखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय करना पड़ा तो करेंगे।
3 घंटे तक तपती धूप में प्रदर्शन करते रहे श्रमिक – नरेगा श्रमिक 3 घंटे तक ग्राम पंचायत दांता के बाहर एकत्रित होकर मजदूरी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। सूचना पर मौके पर दांतारामगढ़ थाने से भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया और मजदूरों से समझाइश की गई लेकिन मजदूर नहीं माने और मजदूर शासन प्रशासन के खिलाफ लगातार नारेबाजी करते रहे।
अधिकारियों के मौके पर नहीं पहुंचने से नाराज हुए श्रमिक – 3 घंटे तक विरोध प्रदर्शन करने के दौरान भी उपखंड स्तरीय अधिकारी मजदूरों को आश्वस्त करने मौके पर नहीं पहुंचे जिसको लेकर श्रमिकों में काफी आक्रोश देखने को मिला। मजदूरों ने बताया कि अधिकारी मजदूरों की पुकार सुनने नहीं आ रहे हैं और उन्होंने बताया कि मौके पर ना तो हम अधिकारी आए ना ही तहसीलदार और ना ही विकास अधिकारी मौके पर पहुंचे मजदूरों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि मजदूरी कब मिलने का कारण अधिकारियों की मिलीभगत है।
नौकरी के 9 साल में ही बना लिया करोड़ों का मकान – विरोध प्रदर्शन आंदोलन के दौरान नेतृत्व कर्ता कॉमरेड इंदर सिंह लांबा ने संबोधित करते हुए आरोप लगाते हुए कहा कि नरेगा सहायक अभियंता जितेंद्र कुमार को नौकरी लगे हुए अभी 9 साल ही हुए हैं और मात्र 9 साल की नौकरी में ही अधिकारी द्वारा जयपुर में करोड़ों रुपए का मकान बनाना साफ जाहिर होता है कि अधिकारी मिलीभगत कर मजदूरों की मजदूरी अपने हिस्से में डाल रहे हैं।