प्रतिभा सम्मान समारोह में बेहतर अंक प्राप्त करने वाले 75 विद्यार्थियों का सम्मान
चूरू, नामदेव सेवा समाज समिति की ओर से रविवार को रतनगढ़ के नामदेव भवन में हुए प्रतिभा सम्मान समारोह में रतनगढ़, छापर, बीदासर और चाड़वास के बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले 75 बालक-बालिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक कुमार अजय ने कहा कि सामाजिक संगठन यदि रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहन दें तो उनकी उपयोगिता है। समाज में प्रत्येक तरह की प्रवृत्ति एक साथ चलती हैं लेकिन हमें रचनात्मकता और सकारात्मकता को प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपनी रूचि का क्षेत्र तय कर उसमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करें। उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि प्रतिभाओं का सम्मान करने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। प्रतिभाओं का हौसला बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर होने चाहिए। कुमार अजय ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की पत्रिका राजस्थान सुजस एवं सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।
विशिष्ट अतिथि सरदारशहर के युवा भाजपा नेता सुरेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में बच्चों को संस्कारों की शिक्षा दिए जाने की जरूरत है। इसी से इतिहास बदलने की कल्पना साकार होगी। उन्होनें संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की प्रतिभाओं को आगे बढऩे का मौका मिलता है। कार्यक्रम में महावीर प्रसाद गहलोत नोखा, जय प्रकाश दर्जी बीदासर, मनोहर मोयल सीकर, सांवरमल डीडवानिया व नारायण गोठवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में रतनगढ़, छापर, बीदासर और चाड़वास की बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाली 75 प्रतिभाओं को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया। समिति के अध्यक्ष रमेश मोयल ने बताया कि कार्यक्रम में नोखा, चूरू, सरदारशहर, तारानगर, छापर, बीदासर सहित अनेक स्थानों से समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसी क्रम में घर-घर तिरंगा अभियान और तुलसी पौधा वितरण में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में भंवरलाल तोलंबिया, नवरत्न वर्मा, पंकज नामदेव, महेश कींजड़ा, प्रदीप नामदेव, गोपाल किंजडा़, विजय कुमार मोयल, निरंजन वर्मा, ओम प्रकाश दर्जी, मनोज खत्ती, जगदीश कींजडा़, लीलाधर कींजडा़, सत्यनारायण दर्जी एवं ललित मोयल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन त्रिविक्रम अपूर्वा ने किया।