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कृषक संवाद कार्यक्रम’ में किसानों से लिए सुझाव
कहा- किसानों के हर सुझाव को अमल में लाया जाएगा
झुंझुनूं, राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में खंडेला विधायक महादेव सिंह खंडेला शुक्रवार को अपने एक दिवसीय दौरे के तहत झुंझुनूं आए। उन्होंने यहां सूचना केंद्र सभागार में जिले के कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी, डेयरी क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों के साथ ‘कृषक संवाद कार्यक्रम’ में हिस्सा लिया। कृषक संवाद कार्यक्रम के तहत यह चौथा जिला था, जिसका दौरा कर उन्होंने किसानों की समस्याएं जानी और सुझाव लिए। उन्होंने अपने संबोधन में किसानों को आश्वस्त किया कि किसान आयोग दिसंबर 2022 तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को पेश करेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के सुझाव लेकर उन्हें अवश्य अमल में लाया जाएगा। खंडेला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब अधिक से अधिक किसानों को इजराईल भेज कर कृषि की नई तकनीक सिखाई जाएगी। उन्होंने किसानों से आत्मीय संवाद किया और हर किसान को इत्मीनान से सुना। इससे पहले जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने कहा कि किसानों को पारंपरिक खेती को छोड़कर नई तकनीकें अपनानी होंगी। किसान आयोग सदस्य डॉ. राजेश मान ने कहा कि पशुपालकों को पशुओं के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देकर उच्च गुणवत्ता का चारा खिलाना चाहिए, ताकि दुग्ध उत्पादन बढ़ाया जा सके। किसान आयोग के सदस्य प्रो. ओ.पी. खेदड़ ने कहा कि फसलों में किसी तरह की बीमारी या कीट प्रकोप की आशंका होने पर तुरंत ईलाज करवाना चाहिए। किसान आयोग सदस्य और पूर्व कुलपति डॉ. जी.एल. केसवाल ने उन्नत तकनीक के उपयोग से कृषि उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। किसान आयोग सदस्या सोहिनी चौधरी ने अध्यक्ष महादेव सिंह खंडेला की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसानों के सुझावों पर पूरी तरह अमल किया जाएगा। इस दौरान किसान आयोग सदस्य डॉ. एस.के. खंडेलवाल, डॉ. इंद्र भूषण मौर्य, डॉ. बीरबल आदि भी मौजूद रहे और किसानों के सुझाव सुनें। कार्यक्रम में कृषि विभाग के सीकर खंड के संयुक्त निदेशक प्रमोद कुमार, कृषि विस्तार के उपनिदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह लांबा, किसान आयोग के उपसचिव एस.एस. शेखावत, किसान आयोग की सहायक निदेशक नीता चौधरी, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. रामेश्वर सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर के प्रभारी डॉ. दयानंद, एटीसी के उपनिदेशक उत्तम सिंह सिलायच, कृषि विभाग के सहायक निदेशक डॉ. विजयपाल कस्वां आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मूलंचद झाझड़िया ने किया।
यह सुझाव मिले किसानों से:
जिले भर के प्रगतिशील किसानों ने कृषक संवाद कार्यक्रम में अनेक सुझाव दिए। कार्यक्रम में मनरेगा को खेती से जोड़ने, समर्थन मूल्य अनिवार्य रूप से दिलवाने, लम्पी से मारे गए पशुओं का मुआवजा दिलवाने, खेत में खेजड़ी के वृक्ष लगाने, खूजर की खेती पर अनुदान देने, जैतून की खेती को बढ़ावा देने, कृषि महाविद्यालयों की संख्या बढ़ाने, मौसमी और खजूर की बागवानी को मुख्य फसल में शामिल कर अनुदान देने, खेतों की तारबंदी के लिए अनुदान राशि बढ़ाने और तारबंदी की लंबाई भी बढ़ाने, वर्षा जल संग्रहण के लिए फॉर्म पौंड पर अनुदान राशि बढ़ाने, जैविक खाद उपलब्ध करवाने, जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के सुझाव किसानों ने दिए। कार्यक्रम में विजय सिंह लोयल, अनीता, सुलोचना, अंजू, सुभिता सीगड़, संतोष सैनी, राजवीर, हरिसिंह खेदड़, जमील पठान, रघुवीर सिंह, कृपाल धायल, शिशुपाल सिंह, सुमेर सिंह, होशियार सिंह, मुकेश मांजू, सुनील कुमार, अमरचंद सैनी, कैप्टन मोहनलाल, रामचंद्र कुलहरी, प्यारेलाल सीगड़ा आदि किसानों ने सुझाव दिए।