प्रख्यात फिल्म विचारक और समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज ने कहा
चूरू पुलिस के अनूठे नवाचार में शामिल हुए अजय ब्रह्मात्मज
चूरू, पुलिस, फिल्मस्थान और संप्रीति संस्थान की ओर से आयोजित ऑनलाइन लाइव सेशन में बुधवार को फिल्म पत्रकार, समीक्षक, विचारक और स्तंभकार अजय ब्रह्मात्मज बतौर अतिथि चूरू पुलिस के फेसबुक पेज पर लाइव उपस्थित थे। चूरू पुलिस व एसपी चूरू तेजस्वनी गौतम का अजय ब्रह्मात्मज ने धन्यवाद ज्ञापित किया कि उन्हें इस लाइव सेशन में जुड़ने का मौका दिया गया। अजय ब्रह्मात्मज ने फेसबुक यूजर्स से अपील करते हुए कहा कि वे सभी लॉकडाउन 4.0 को सीरियसली लें और सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करें। अजय ब्रह्मात्मज ने कहा कि किसी भी सिनेमा को चलाने की जिम्मेदारी दर्शकों की होती है। सिर्फ राजस्थानी ही नहीं हर भाषा में फिल्म बननी चाहिए लेकिन दर्शकों को भी चाहिए कि वह बिना किसी कंपैरिजन के अपनी-अपनी भाषा में बने सिनेमा को देखें। इस हौसला अफजाई के कारण भाषाई सिनेमा अधिक से अधिक बनेगा और उसका विकास होगा। अजय ब्रह्मात्मज ने कहा कि जिस तरह से सिनेमा और समाज में तकनीक का विकास हो रहा है इस कारण एक दिन ऐसा आएगा जब सिनेमाघर भी किस्सों में रह जाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे आज लैंडलाइन और सर्कस देखते-देखते किस्सा बन चुके हैं। अजय ब्रह्मात्मज ने कहा कि पिक्चर अच्छी है या बुरी यह दर्शक ही तय करें। उन्होंने कहा कि वह इस बात के लिए बदनाम हैं कि फिल्मों पर सीरियस बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म पत्रकारिता भी मैन स्ट्रीम पत्रकारिता जैसा ही दुरूह और जिम्मेदारी भरा काम है। यह जरूर है कि फिल्म पत्रकार फिल्मी सितारों से मिलते हैं, बातें करते हैं लेकिन यह भी मुश्किल भरा होता है क्योंकि आखिर में स्टोरी तो करनी है और फिल्म पत्रकारिता आसान नहीं है।
उन्होंने कहा कि आजकल वेबसीरीज में जो कुछ दिया जा रहा है, उसकी जिम्मेदारी फिल्ममेकर पर ही छोड़नी चाहिए कि वो क्या दिखाना चाहते हैं और क्या नहीं क्योंकि फिल्म मेकिंग जिम्मेदारी भरा काम है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म सफल होने का यह मतलब नहीं कि फिल्म अच्छी है या क्लासिक बनी है। अजय ब्रह्मात्मज ने कहा वो फिल्में अच्छी होती हैं जिन्हें देखने के बाद आप अंदर से सुखी महसूस करें क्योंकि फिल्में देखना भी एक किताब पढ़ने के बराबर है। फिल्म विचारक अजय ब्रह्मात्मज ने कहा कि उनका राजस्थान कनेक्शन इस प्रदेश के क्रिएटिव लोगों के कारण है। उन्होंने गीतकार, फिल्म लेखक रामकुमार सिंह को याद किया और बताया कि वे उनके कारण कई बार जयपुर आए। उन्होंने प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और साहित्यकार ईशमधु तलवार, पत्रकार गजेंद्र सिंह भाटी और फिल्म डायरेक्टर गजेंद्र श्रोत्रिय, दुष्यन्त और इरा टांक को याद करते हुए अपने राजस्थान कनैक्शन के बारे में बताया। अजय ब्रह्मात्मज ने एक सवाल कि उन्हे फिल्म इंडस्ट्री में कौन पसंद है का जवाब देते हुए कहा कि व्यक्तिगत तौर पर वे मरहूम कलाकार इरफान के करीबी थे। अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान, विद्या बालान,एश्वर्या राय, प्रियंका चौपड़ा बतौर एक्टर उन्हें व्यक्तिगत रूप से पंसद है जबकि डायरेक्टर के रूप में श्याम बेनेगल, डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी,अनुराग कश्यप और नीरज घेवान (मशान) प्रभावित करते हैं। अजय ब्रह्मात्मज ने कहा कि उनके लिए अमिताभ बच्चन का एक इंटरव्यू बड़ा यादगार है जो फिल्मी भी है और गैरफिल्मी भी। अजय ब्रह्मात्मज ने कहा कि उन्होंने एक दिन अमिताभ बच्चन से उनके पिता के बारे में बात करने के लिए समय मांगा। अजय बताते हैं कि अमिताभ बच्चन ने न सिर्फ उन्हें समय दिया वरन उन्हें मुलाकात के लिए पुराने निवास प्रतीक्षा में बुलाया। उन्होंने कहा कि इस इंटरव्यू के बाद उन्होंने कलाकार अमिताभ बच्चन के बजाय पुत्र अमिताभ बच्चन को देखा। जब यह पब्लिश हुआ तो स्वयं अमिताभ बच्चन ने यह इंटरव्यू शेयर किया और अजय ब्रह्मात्मज के ब्लॉग चवन्नीचैप पर उन दिनों काफी ट्रेफिक रहा।