राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर जिलेभर में हुई सर्वधर्म प्रार्थना सभाएं,
जिला मुख्यालय पर हुए आयोजन में गांधीवादी विचारक सतीश राय ने किया संबोधित,
महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज, जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग सहित गांधीवादी कार्यकर्ताओं, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, नागरिकों एवं विद्यार्थियों ने की शिरकत
चूरू, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर रविवार को जिलेभर में सर्वधर्म प्रार्थना सभाओं सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिला मुख्यालय स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति, जिला प्रशासन और अहिंसा प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में सर्वधर्म प्रार्थना सभा हुई। प्रार्थना सभा में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं सहित धर्मावलंबी, गांधीवादी कार्यकर्ता, विद्यार्थी मौजूद रहे।
इस मौके पर संबोधित करते हुए प्रख्यात गांधीवादी विचारक सतीश राय ने कहा कि गांधी की प्रासंगिकता सर्वकालिक है। उन्होंने कहा कि गांधी की बहुत आलोचना होती है लेकिन गांधी न गोली से मरे, न ही गाली से मरेंगे। गांधी भारतीय राष्ट्रवाद की अवधारणा के सबसे बड़े आर्किटेक्ट हैं। गांधी के बताए रास्तों पर चले बिना कोई भी लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता है। गांधी के बिना भारत की एकता कायम नहीं रह सकती है। गांधी की धर्मदृष्टि भी प्रासंगिक है। आज के राष्ट्रीय जीवन में गांधी पर एक आम सहमति है कि गांधी को नहीं मानने वाले भी उन्हें मान रहे हैं। सत्य के साक्षात्कार को गांधी ने ईश्वर का साक्षात्कार कहा। उन्होंने कहा कि सत्य और अहिंसा की बात करने वाले गांधी पहले व्यक्ति नहीं थे लेकिन प्रेम का तत्व उन्होंने जोड़ा। विरोधी को पराभूत करना नहीं, परिवर्तित करना उनका लक्ष्य था। उन्होंने कहा कि जब हम दुनिया की तमाम बड़ी शख्सियतों की बात करते हैं तो गांधी के सामने वे बहुत कमजोर पड़ते नजर आते हैं। उन्होंने गांधीजी के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों और गांधी दर्शन पर चर्चा करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन से गिरे गांधी से वो गांधी बहुत अलग था, जो गांधी वहां प्लेटफॉर्म से उठकर खड़ा हुआ था।
गांधी दर्शन की ताकत महसूस करें हम
मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि आज गांधी दर्शन को बहुत जानने की जरूरत है। युवा पीढ़ी को गांधी दर्शन पढ़ना चाहिए और उसकी ताकत को महसूस करना चाहिए। रेहाना ने कहा कि वे गांधी से बहुत प्रभावित हैं और हमें गांधी की जीवन शैली को आत्मसात करना चाहिए। रियाज ने कहा कि हमारा धर्म चाहे कोई भी हो, हमें इंसानियत को सबसे ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का व्यक्तित्व हमें अनुशासन, ईमानदारी और सच्चाई सिखाता है।
गांधी करते हर क्षेत्र में मार्गदर्शन
जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह से आयोजनों से युवा पीढ़ी को जानने को मिलता है। गांधी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमारा मार्गदर्शन करते हैं। हम गांधी को जानें, गांधी दर्शन की ताकत समझें और उनका अनुकरण करें, यही इन कार्यक्रमों की सार्थकता है।
इस दौरान राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण, पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद, गांधी दर्शन समिति के उपखंड संयोजक रियाजत खान, अतिरिक्त महाधिवक्ता नीलोफर, पूर्व प्रधान रणजीत सातड़ा, रतन लाल जांगिड़, एडीएम लोकेश गौतम, सीईओ हरी राम चौहान, एसडीएम सत्यनारायण सुथार, एएसपी राजेंद्र मीणा भी मंचस्थ रहे।
धर्मगुरुओं ने की शिरकत
कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों से जुड़े धर्मगुरुओं गायत्री शक्तिपीठ के रामसिंह राठौड़, शहर काजी अहमद अली शाह, फादर सुनीष, ब्रह्मकुमारी सुमन ने भी विचार व्यक्त किए। एडीएम लोकेश गौतम ने स्वागत उद्बोधन दिया। राजेंद्र चौबे, लक्ष्मी शर्मा, प्रभुदयाल सैनी, गिरधारीलाल पंवार ने सर्वधर्म समभाव से जुड़ी प्रार्थनाओं की प्रस्तुति दी। संचालन अहिंसा प्रकोष्ठ प्रभारी उम्मेद गोठवाल ने किया। केंद्रीय विद्यालय के बच्चे गांधी की वेशभूषा में मौजूद रहे।
विभिन्न भाव-भंगिमाओं की प्रभावी प्रस्तुत
सर्वधर्म समभाव प्रार्थना सभा के दौरान सोपान जोशी की किताब ‘बापू की पाती’ पर आधारित प्रख्यात चित्रकार रामकिशन अडिग की बनाई प्रदर्शनी के साथ-साथ गांधी के विभिन्न वय और भाव-भंगिमाओं के चित्र भी देखने वालों को मोहित करते रहे। गांधीवादी विचारक सतीश राय, महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज व जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग सहित अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और अभिभूत नजर आए। प्रदर्शनी आयोजन में यशस्वी, सिमरन चौधरी, संदीप कुमारी, गरिमा थोरी, मुस्कान तंवर, निखिल जांगिड़, रामप्रकाश ने सहयोग किया।
बड़ी संख्या में रही भागीदारी
कार्यक्रम के दौरान जिला वक्फ कमेटी के सरंक्षक जमील चौहान, चिमनाराम कारेल, सुबोध मासूम, पार्षद नरेंद्र सैनी, विकास मील, हेमंत सिहाग, रफीक चौहान, जिला साक्षरता अधिकारी ओमप्रकाश फगेड़िया, सीडीईओ संतोष महर्षि, एडीपीसी सांवर मल गहनोलिया, मुबारक भाटी, काजी अब्बास, सिराज जोइया, अरविंद भामासी, इकबाल रूकनखानी, डॉ जेबी खान, डॉ शमशाद, सद्दाम हुसैन, मनोनीत पार्षद दीपिका सोनी, पार्षद युसुफ मोयल, अली मोहम्मद भाटी, गोकुल शर्मा, विनोद खटीक कुलदीप, खालिद, रामेश्वर नायक, अनीस खान, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ अशोक शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविंद ओला, आईसीडीएस डीडी डॉ नरेंद्र शेखावत, सीडीपीओ सीमा सोनगरा, एनसीसी के डॉ हेमंत मंगल और कैडेट्स, राजीविका डीपीएम दुर्गा ढाका, डीआईओ लक्ष्मण सिंह चौधरी, एसीपी मनोज गर्वा, सीएमएओ डॉ मनोज शर्मा, बीसीएमओ डॉ जगदीश भाटी, दीपक कपिला, जिला खेल अधिकारी सीताराम प्रजापत, बजरंग हर्षवाल, डाइट प्राचार्य गोविंद सिंह राठौड़, बीसीएमओ ओमदत्त सहारण, मनमोहन सैनी, अमर सिंह कस्वां, जाकिर हुसैन भाटी, रामसिंह, कपिल भाटी, अयूब खान, महेंद्र कुमार रैगर सहित गांधीवादी कार्यकर्ता, जिला स्तरीय अधिकारी, प्रबुद्धजन, सरकारी व गैर सरकारी महाविद्यालयों के एनएसएस स्वयंसेवक, एनसीसी कैडेट, स्काउट रेंजर व रोवर विद्यालयों के एनएसएस स्वयंसेवक, स्काउट-गाइड, नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक, युवा खिलाड़ी, केंद्रीय विद्यालय, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की बालिकाएं, राजीविका स्वयं सहायता समूह सदस्य, आईसीडीएस कार्यकर्ता, समाज कल्याण विभाग छात्रावासों के विद्यार्थी शामिल हुए।