वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिए निर्देश
चूरू, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार पूरी गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ पशुओं में फैल रही लम्पी डिजीज पर नियंत्राण के लिए कार्य कर रही है। अभी यह बीमारी राज्य के लगभग 15 जिलों में फैल चुकी है, अब हमारी प्राथमिकता यह है कि सभी के सहयोग से इस बीमारी को और अधिक जिलों में फैलने से रोका जाए। प्रशासन की त्वरित क्रियाशीलता के चलते संक्रमण एवं मृत्यु दर में कमी आई है।
गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित लम्पी स्किन डिजीज की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। जिला मुख्यालय स्थित वीसी कक्ष से जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग, एडीएम लोकेश गौतम, सीईओ हरीराम चौहान, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ अशोक शर्मा, डॉ निरंजन चिरानिया, बालाजी गौशाला सालासर के रविशंकर पुजारी, डॉ मेवाराम, डॉ वीएस राठौड़ आदि अधिकारियों ने वीसी में शिरकत की। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रभावी प्रबंधन की सराहना की तथा गौशालाओं में आइसोलेशन एवं क्वारंटीन की सुविधा उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया। उन्होंने यहां से वेबेक्स के जरिए वीसी में भाग लिया और उपयोगी सुझाव देते हुए पांच-छह पंचायतों का कलस्टर बनाकर जेसीबी उपलब्ध कराने की बात कही। इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सांसद, सभी जिलों के प्रभारी मंत्राी, विधायकगण, गौशाला प्रबंधक, पशुपालक, सरपंच, वार्ड पंच, स्थानीय निकायों के महापौर, चैयरमेन, पार्षद आदि जुड़े।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हम सभी को मिलकर गौवंश में फैली इस बीमारी का सामना करना है। सभी जिलों में कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने आयुर्वेद विभाग से सुझाव लेकर देशी ईलाज के गाइडलाइन जारी करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए। साथ ही, रोग को लेकर आमजन में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए गांव-ढाणी तक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। गौशालाओं की साफ-सफाई, सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव, फोगिंग तथा जेसीबी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।
कोरोना की तर्ज पर चल रहा प्रबंधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में लोगों का जीवन बचाना हमारी प्राथमिकता रही और इसके लिए हमने पर्याप्त ऑक्सीजन, दवाइयों, बैड्स तथा अन्य चिकित्सा सुविधाओं का प्रबंध किया। इसके कारण राजस्थान में अन्य राज्यों के मुकाबले कम मौतें हुईं। इसी ढंग से हम लंपी स्किन डिजीज को भी पूरी गंभीरता से ले रहे हैं जिससे कि गायों की मृत्यु की नौबत नहीं आए। उन्होंने कहा कि दवाइयों की कोई कमी नहीं आने दी जा रही है, वैक्सीन का अभी परीक्षण जारी है तथा विकल्प के रूप में गोट पॉक्स वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्राी पुरुषोत्तम रूपाला ने विश्वास दिलाया कि राज्य को पूरी मदद दी जाएगी।
प्रदेशवासियों से मांगे सुझाव
गहलोत ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे सरकार को लिखित में अथवा 181 पर इस रोग से बचाव तथा उपचार के सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि लम्पी स्किन रोग की रोकथाम के लिए सभी जिला कलक्टर्स को जरूरत पड़ने पर बिना टेंडर दवाईयां खरीदने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। युद्धस्तर पर इस महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबन्ध करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार हर पशुपालक के साथ खड़ी है और सभी के सहयोग से इस संक्रमण से जल्द निजात पा सकेंगे। गहलोत ने कहा कि गौवंश का संरक्षण और संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान अवधि को 6 से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है। गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की अपील पर बड़ी संख्या में भामाशाह व स्वंयसेवी संगठन सहयोग के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि रोकथाम के लिए विधायक, महापौर, जिला प्रमुख, प्रधान, सरंपचों सहित सभी जनप्रतिनिधिगण अपने क्षेत्रों में दौरा कर पशुपालकों को जागरूक कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि मुख्यतः प्रभावित जिले श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, नागौर, पाली, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर, सिरोही, जालौर व जोधपुर में संक्रमण व मृत्यु दर में कमी आई है। स्थिति पर निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है। भैंसों में भी संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
राज्य में 21 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने के निर्देश
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि प्रभावी नियंत्रण के लिए पशुपालन मंत्री की अध्यक्षता में लगातार बैठकें की जा रही हैं। प्रभावित जिलों के कलक्टर्स के साथ समीक्षा बैठक करते हुए मिशन मोड में कार्य करने सहित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पांच जिलों में मॉनीटरिंग बढ़ाई गई है। राजस्थान डेयरी फेडरेशन द्वारा 21 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने के निर्देश दिए हैं। अर्जेन्ट टेम्परेरी बेसिस पर 200 पशु चिकित्सकों एवं 300 पशुधन सहायकों की भर्ती की जा रही है। बैठक में पशुपालन विभाग के शासन सचिव पी.सी. किशन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने जन जागरुकता के लिए महत्वपूर्ण बिंदूओं के बारे में भी बताया।