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ग्रामीण डाक सेवको के सपने हुये चूर, अब एरियर करीब 80 हजार रु मिलेगा कम इस कारण फिर आन्दोलन की तैयारी

शिमला[अनिल शर्मा ] ग्रामीण डाक सेवको द्वारा कमलेशचन्द्रा कमेटी रिर्पोट को लागू करने के लिये पूरे भारत मे 24 दिन तक लम्बी हडताल की गयी। तथा ग्रामीण डाक सेवकों ने जगहं-जगहं धरने प्रदर्शन किये गये, भूख हडताल की वो सब बेकार गये। केन्द्र सरकार ने मांगे मानकर हडताल को तो तूडवा दिया था तथा रिर्पोट को एक जनवरी 2016 से लागू करने की घोषणा भी कर दी थी लेकिन डाक विभाग ने ग्रामीण डाक सेवको के बहुत बडा धोखा किया उसने केवल टी आर सी ए तो एक जनवरी 2016 से लागू कर दिया लेकिन बांकी सभी सुविधायें एक जुलाई 2018 से यानी 30 माह बाद से लागू करने के आदेश जारी किये है। जिसके कारण प्रत्येक ग्रामीण डाक सेवक को करीब 80 हजार रूपयो का नुकसान हुअा है। अतिरिक्त विभागीय ग्रामीण डाक सेवक संघ बी एम एस के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष रामानन्द शर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार ने सभी सुविधायें एक जनवरी 2016 से देने की घोषणा की थी लेकिन डाक विभाग ने ये लाभ 30 माह बाद देने के आदेश जारी किये है। इससे ग्रामीण डाक सेवको मे भारी रोष है। 10 से 12 घण्टे की नियमित डयूटी करने वाले ग्रामीण डाक सेवक को4 से 5 घण्टे मे बांध दिया है। वहीं वार्षिक वेतन वृद्धि जनवरी 2016 की बजाय जुलाई 2018 से दी जा रही है। आज लगने वाले ग्रामीण डाक सेवक तथा 11 वर्ष पहले लगने वाले डाक सेवक का टी आर सी ए सम्मान कर दिया है तथा 12,24,36 की सेवा पर देने वाले विशेष इन्क्रीमेन्ट के भी आदेश नही किये है। इसको लेकर देश भर के ग्रामीण डाक सेवको मे गहरा आक्रोश है। इसके लिये सभी युनियनो ने प्रधानमंत्री, संचारमंत्री, डाक सचिव, डाक निदेशक, अमित शाह व राजनाथ सिहं को ज्ञापन देकर पुन: सभी लाभ एक जनवरी 2016 से दिलवाने की मांग की है। इसके लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जयपुर प्रवास के दौरान भी ज्ञापन दिया है। घोषणा मे सुधार न होने की दशा मे पुन: आन्दोलन करना होगा।

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