अनुकरणीय पहल
चूरू, लड़की की विदाई के वक्त अक्सर लोगों की निगाहें थाली में शगुन के रूप में रखी नकदी पर टिक जाती है लेकिन ऎसा कम ही देखने को मिलता है कि मिला हुआ शगुन कोई लौटाए। भादरा में मंगलवार सवेरे ऎसा ही एक नजारा देखने को मिला, जिसमें वधू पक्ष की ओर से रखे गए ग्यारह लाख रुपए को ठुकराकर वर पक्ष ने केवल एक रुपया शगुन के तौर पर लिया। जानकारी के अनुसार, निनाण निवासी विमला देवी राजकुमार बेनिवाल रेंजर के पुत्र रघुवीर (बैंक अधिकारी) की भादरा के एक मैरिज पैलेस में हुई शादी में रेजड़ी (राजगढ़) निवासी जयकरण कस्वां ने अपनी पुत्री गीता (अध्यापिका) की शादी में ग्यारह लाख रुपये शगुन के रूप में थाली में रखे। विवाह मंडप उस समय तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा, जब दुल्हे के दादा सोहनलाल बेनिवाल ने शगुन के रूप में मात्र एक रूपया और श्रीफल स्वीकार कर ग्यारह लाख रुपये लड़की के ताऊ लक्ष्मीनारायण कस्वां (रिटा. बैंक अधिकारी) को वापस लौटा दिए। शादी में किसी भी तरह का सामान,गाड़ी आदि कुछ भी दहेज के रूप में नहीं लिया। बिना दहेज शादी करने पर क्षेत्र के लोगों ने क्षेत्रीय वन अधिकारी राजकुमार बेनिवाल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि इससे प्रेरित होकर आने वाले दिनों में और भी बिना दहेज की शादियां देखने को मिलेंगी।