पंचायती राज विभाग ने मई 2023 में किया था निलंबित
प्रधान के देवर को एसीबी की टीम ने 50 हजार रुपए लेते किया था ट्रैप
उदयपुरवाटी, पंचायत समिति की प्रधान माया गुर्जर के निलंबन आदेश पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। आपको बता दें कि प्रधान माया गुर्जर के देवर भोलाराम गुर्जर को सीकर एसीबी की टीम ने ₹50000 की रिश्वत मामले में ट्रेप किया था। जिसकी वजह से पंचायत राज विभाग ने प्रधान गुर्जर को मई 2023 में निलंबित कर दिया था। एसीबी टीम की कार्रवाई करने के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की संयुक्त शासन उप सचिव व अतिरिक्त आयुक्त रेखा सामरिया ने 24 मई 2023 को आदेश जारी कर प्रधान गुर्जर को निलंबित कर दिया गया था। प्रधान गुर्जर की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट आरएन. माथुर, इंद्राज सैनी, निखिल सैनी व डॉक्टर जगदीश गुर्जर ने मंगलवार को तर्क दिया कि राजस्थान पंचायती राज अधिनियम की धारा 38 (4) के अंतर्गत बिना प्रारंभिक जांच के प्रधान का निलंबन नहीं किया जा सकता। पंचायती राज रूल्स 1996 के नियम 22 के अनुसार विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। प्रधान के अधिवक्ताओं की टीम ने बताया कि प्रधान माया गुर्जर के खिलाफ संपूर्ण कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा द्वेषपूर्ण की गई है। इसको लेकर न्यायालय ने माना है कि बिना प्राथमिक जांच के प्रधान को निलंबित नहीं किया जा सकता। निलंबन के दौरान सरकार ने जो कानूनी प्रक्रिया अपनाई है वह पूर्णतया गलत है। जयपुर राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने प्रधान माया गुर्जर की याचिका स्वीकार करते हुए सरकार के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है।
इनका कहनाः- यह उदयपुरवाटी की समस्त जनता की जीत है, सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता, परेशान जरूर हो सकता है।
माया गुर्जर पंचायत समिति उदयपुरवाटी