झुंझुनू शहर के वार्ड नंबर 1 में साढ़े तीन महीने पहले हुए एक व्यक्ति की मौत के मामले में गुरुवार को उसके परिजन कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठे वहीं आज शुक्रवार से उन्होंने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी। पीड़ित की पत्नी गीता, बेटी संगीता, बेटे अजय व राहुल भूख हड़ताल पर बैठ गए है। पीड़ित की बेटी संगीता ने बताया कि साढ़े तीन महीने पहले रमाकांत, मुन्नी देवी, सुमन, पूनम, भीम इन पांचों ने छत पर सो रहे मेरे पिता को पत्थरों से मार कर घायल कर दिया। इलाज के लिए हम उनको लेकर बीडीके हॉस्पिटल ले गए जहां से उनको जयपुर के लिए रेफर कर दिया गया। 4 दिन कोमा में रहने के बाद जयपुर ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई। मंडावा मोड़ पुलिस चौकी प्रभारी ने 7 दिन का समय मांगा था लेकिन आरोपियों को 302 धारा लगाने के बजाय 304 धारा लगाकर मुकदमा बना दिया जिससे वह लोग जमानत पर बाहर आ गए और उल्टे हमारे परिवार पर केस कर दिया। जिसमें 458 धारा हमारे पर लगाई गई है। अब धरने पर बैठने के बाद पुलिस 5 दिन का समय मांग रही है लेकिन जो पुलिस साढ़े तीन महीने में हमे न्याय नहीं दिलवा पाई वह पांच दिन में क्या कर लेगी। हमें उन पर भरोसा नहीं है। पीड़ित की पत्नी गीता देवी ने बताया कि हमारे घर में कमाने वाला कोई नहीं है मेरे पति जो कमाने वाले थे उनको उन्होंने मार दिया। मेरी बेटी की शादी उम्र हो चुकी है। वहीं मेरे दो बेटे हैं उनमें से एक लड़का मानसिक रोगी है ऐसी स्थिति में अब हमारे परिवार के सामने भूखा मरने की नौबत आ गई है। हमें सरकार से न्याय चाहिए यदि हमें न्याय नहीं मिलता है तो हम यहाँ भूख हड़ताल कर के मर जाएंगे।