संगीत संध्या का आयोजन
चूरू, लोक संस्कृति शोध संस्थान नगरश्री शानदार संगीत संध्या का आयोजन हुआ। सचिव ने बताया कि नगर श्री के एक संस्थापक सदस्य
स्व. निवास दिनोदिया की स्मृतियों को समर्पित संगीत संध्या डाॅ. सुरेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता व माननीय ट्रस्टी जतनलाल बरड़िया के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुई। संगीत की देवी माँ शारदे के विग्रह व स्व. श्रीनिवास दिनोदिया के चित्र के सम्मुख धूपबत्ती प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सरदारशहर के जाने माने संगीतज्ञ सुनील सैनी व जितेन्द्र सैनी सम्मानीय कलाकार थे। सुनील सैनी ने सर्वप्रथम नवरात्र के शुभ अवसर पर दुर्गा मां को समर्पित शास्त्रीय राग पर आधारित गायन- असुर हरिणी, दुष्ट दलिनी, सिंह वाहिनी दुर्गे मां…. सुनाकर कार्यक्रम का आगाज किया। तत्पश्चात सैनी ने विभिन्न शास्त्रीय रागनियों के गीत- फूलवन की सेज बिछाओ बहुत दिनन से पिया घर आये…., ठुमरी-नयन मेरे तरस रहे हैं आ जा बलम परदेशी…, पिया संग खेलूंगी होरी……, सुनाये तो श्रोता झूम उठे। फिल्मी गीतों के दौर मंे दूर रहकर ना करो बात करीब आ जाओ…., अबके हम बिछुड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले…, रिमझिम बिन सावन…, तू कितनी अच्छी है, कितनी भोली है ओ मां….., चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे… हुई शाम उनका ख्याल आ गया…., आ सोचा तो आंसू भर आये…, आज जाने की जिद ना करो…. गीतों पर खूब दाद पाई। राजस्थानी लोकगीत सुपनो जगा आधी रात नै…. को बहुत पसन्द किया गया। तबले पर शानदार संगत जितेन्द्र सैनी सरदारशहर ने की। मुख्य अतिथि जतनलाल बरड़िया ने दोनों युवा बन्घुओं की संगीत साधना को खूब सराहा। डाॅ. सुरेन्द्र शर्मा ने अपना उद्बोधन दिया। कार्यक्रम के अंत मंे नगर श्री परिवार की ओर से सुनील सैनी व जितेन्द्र सैनी को शाॅल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। संचालन प्रो. कमलसिंह कोठारी ने किया।