बार बार मेडिकल अवकाश पर जाने वाले चिकित्सकों की मेडिकल बोर्ड करेगा जांच
कम परफॉर्मेंस वाले अस्पतालों के प्रभारियों को सुधार की चेतावनी
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक
झुंझुनूं, जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक मंगलवार को कलेक्टर सभागार में कलक्टर चिन्मयी गोपाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना, जननी सुरक्षा योजना, राजश्री योजना, शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान सहित जिले की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की गई।
इस दौरान जिला कलेक्टर ने प्रतिदिन ओपीडी में 20 से कम रोगी देखने वाले चिकित्सकों को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा ओपीडी के दौरान प्रतिदिन कम मरीजों को देखा जाना चिंताजनक है । उन्होंने सीएमएचओ को आगामी बैठक में डॉक्टरों के द्वारा प्रतिदिन देखे जाने वाले मरीजों एवं आईपीडी में भर्ती मरीजों की जानकारी लाने के निर्देश दिए ।
बैठक में कलेक्टर ने लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे चिकित्सकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगने के निर्देश दिए। वहीं बार-बार मेडिकल अवकाश पर जाने वाले चिकित्सकों का मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ने जिले के सभी अस्पतालों की परफॉर्मेंस की समीक्षा करते हुए संबंधित प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए की चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाया जाए । ओपीडी व आईपीडी में मरीजों को भर्ती कर सभी सुविधा उपलब्ध करवाई जाए । उन्होंने चिकित्सा सेवाओं में कम परफॉर्मेंस वाले प्रभारियों को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगने के निर्देश दिए ।
बैठक में जिला कलक्टर ने अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा एक साथ अवकाश पर जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त निर्देश दिए की चिकित्सक आपसी समन्वय से छुट्टी जाएं । उन्होंने कहा कि एक साथ छुट्टी जाने पर अस्पताल की व्यवस्थाएं बिगड़ जाती हैं वहीं सीएमएचओ को निर्देश दिए की अस्पतालों के डॉक्टर का लीव प्लान बनाया जाकर छुट्टियां स्वीकृत की जाए ।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने अस्पताल वार आयुष्मान योजना के बिल रद्द होने के मामले में सीएचसी व पीएचसी प्रभारी को प्रशिक्षण करवाने के निर्देश दिए । उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 30 प्रतिशत से कम की टीआईडी करने वाले अस्पताल प्रभारियों से स्पष्टीकरण मांगे ।
सरकारी अस्पतालों में हो प्रसव
सरकारी चिकित्सालयों में स्टाफ व डॉक्टर की उपलब्धता होने के बावजूद संस्थागत प्रसव नहीं होने पर कलक्टर ने सीएचसी प्रभारी को चेताया कि कार्य शैली में सुधार लाएं एवं प्रसव सरकारी चिकित्सालय में करवायें। उन्होंने सीएमएचओ को हर 15 दिन में बीसीएमओ के साथ बैठक कर नियमित फीडबैक लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में गाइनेकोलॉजिस्ट होने के बावजूद भी प्रसव नहीं होना अच्छी बात नहीं है । उन्होंने चिकित्सकों को मरीज को रेफर करने के मामलों में कमी लाने के निर्देश दिए ।
बैठक में उन्होंने अधिकारियों को आयुष्मान कार्ड के वितरण सुनिश्चित करने, एएनसी रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ाने, बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण, एएनएम व आशा सहयोगिनियों के द्वारा गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच करने के निर्देश दिए । बैठक में सीएमएचओ डॉ छोटेलाल, बीडीके पीएमओ डॉ संदीप पचार सहित सभी बीसीएमओ सीएचसी व पीएचसी प्रभारी मौजूद रहे।