डॉ सिंघोया ने नवाचार के रूप में बांटा ये अनमोल उपहार
आज की हाई प्रोफाइल जिंदगी में ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जो अपने जीवन के अनमोल क्षण अपने परिवार या किसी खास अपने के साथ बिताना चाहेंगे। वही राजस्थान सरकार की कायाकल्प योजना एवं केंद्र सरकार की क्वालिटी क्लीरेंस प्रोग्राम में सिरमौर बनी इस्लामपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र सिंघोया ने आज अपना जन्मदिन एक नवाचार के रूप में अपने सभी अस्पताल स्टाफ और मरीजों के साथ मनाया। इसमें खास बात यह रही कि डॉक्टर सिंघोया ने नर्सरी से 200 पौधे खरीदकर अस्पताल में आने वाले आज के मरीजों व स्टाफ को वितरित किए साथ ही अपने जन्मदिन पर उनसे यह वादा भी लिया कि वह इस पौधे की वर्षभर देखभाल भी करेंगे। हम आपको बता दें कि डॉक्टर सिंघोया यहां पर दो साल से प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। गांव के भामाशाहों व ग्रामीणों के सहयोग से डॉक्टर सिंघोया ने प्रयास करके पहले इस पीएचसी की काया पलट की। और बाद में चाहे राजस्थान सरकार की कायाकल्प योजना हो या फिर केंद्र सरकार का क्वालिटी क्लीरेंस प्रोग्राम हो इसमें पूरे राजस्थान के अंदर इस पीएचसी ने अपना परचम फहरा कर सर्वोच्च स्थान हासिल किया। जिसके चलते आज लोग जब अस्पताल परिसर व भवन के अंदर प्रवेश करते है तो लगता है कि वो किसी व्यवस्थित निजी चिकित्सालय में खड़े हो। वहीं इन गत दो सालों से नरेंद्र सिंघोया का इस पीएचसी से एक रिश्ता सा बन गया है जिसके चलते आज उन्होंने अपना जन्मदिन भी अपने परिवार से दूर इस पीएचसी के स्टाफ, मरीजों एवं ग्राम वासियों के साथ मनाया। डॉ नरेंद्र सिंघोया ने बताया कि गांव के लोंगो व भामाशाहो से मिली प्रेरणा के चलते आज उन्होंने अपना जन्मदिन यहाँ मनाने का फैसला किया है। वर्तमान में पर्यावरणीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने नवाचार के रूप में आज पीएचसी में आने वाले लोगो को एक पौधा वितरित करने का फैसला किया है। कायाकल्प योजना में प्रथम स्थान हासिल करने के बाद राजस्थान की यह पहली पीएचसी है जिसने केंद्र सरकार के क्वालिटी क्लीरेंस प्रोग्राम में दक्षता हासिल की है। इसके लिए राज्य सरकार व केंद्र सरकार की तरफ से पीएचसी कई बार सम्मानित भी हो चुकी है। वही पीएचसी को पुरुष्कार के रूप में तीन साल तक तीन लाख रूपये की राशि मिलेगी जिसे इसके विकास में लगाया जायेगा। साथ ही सिंघोया ने आशा व्यक्त की कि ग्राम वासियो एवं भामाशाहो के सहयोग से यह विकास का क्रम निरंतर जारी रहेगा।