स्वतंत्रता सेनानी आचार्य जे. बी. कृपलानी की स्मृति में हुआ आयोजन
चूरू, देश की आजादी में अनेक योद्धाओं का सामूहिक योगदान है। उनके बलबूते पर ही लंबी दास्तान के बाद भारत आजाद हुआ। आजादी के सामूहिक प्रयत्न विभिन्न विचारधाराओं का समन्वय है। इस समन्वय के नायकों को जानना आजादी के अमृत महोत्सव के इन आयोजनों का असली मकसद है।
उक्त विचार शनिवार को स्थानीय राजकीय पारख बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में जिला प्रशासन चूरू एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति चूरू की ओर से महिला एवं बाल अधिकारिता विभाग के सौजन्य से आयोजित स्वतंत्रता सेनानी आचार्य जे. बी. कृपलानी के स्मृति दिवस केंद्रित आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी ओम फगेड़िया ने व्यक्त किए।
फगेड़िया ने कहा कि आजादी के नायकों को नई पीढ़ी के लिए जानना इसलिए जरूरी है कि ये नायक अपने तमाम सुख-सुविधा, नौकरी-रोजगार छोड़कर महज और महज देश को आजाद कराने जेलों में गए।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए शिक्षाविद डॉक्टर शमशाद अली ने कहा कि लंबी यात्रा और संघर्ष के इस मुकम्मल इतिहास में आचार्य जे.बी कृपलानी जैसे लोग अपनी बुलंद आवाज के साथ सदैव दर्ज रहेंगे। डॉ.शमशाद अली ने आचार्य जे.बी. कृपलानी और मौलाना अबुल कलाम आजाद की साम्यता पर विचार करते हुए कहा कि शिक्षा की आज जो धूरी है वह आजादी के नायकों को समझे बगैर अधूरी है। कार्यक्रम में महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के चूरू संयोजक रियाजत अली खान एवं आयोजक महिला एवं बाल अधिकारिता विभाग की सुपरवाइजर कृष्णा ने स्वागत किया। धन्यवाद महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक डॉ. दुलाराम सहारण एवं स्कूल प्रधान चंद्रकला ने दिया। कार्यक्रम में महिला अधिकारिता विभाग की सुपरवाइजर सुमन चौधरी, पूनम कंवर चौहान, सरोज कंवर तथा विद्यालय की अध्यापक मंजु कस्वां, सुमित्रा, नीलम, लक्ष्मी शर्मा, सावित्री बजाड़, राजकौर मौजूद रहीं। बालिका शमा, सानिया, जेबा, सुफिया, पायल सैनी, साहिबा, फातिमा, गुंजन, तमन्ना, हिना ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन अहिंसा प्रकोष्ठ के प्रभारी उम्मेद सिंह गोठवाल ने किया।