
झुंझुनूं, जिले की इत्तेहादुल मुस्लिमीन सोसायटी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ शुक्रवार को जुम्मातुल विदा के मौके पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन सोसायटी के सदस्यों द्वारा मस्जिदों में नमाज के बाद आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर हमला करार दिया।सोसायटी के अध्यक्ष जुबैर कुरैशी व पदाधिकारियों ने कहा कि वक्फ बिल में प्रस्तावित बदलाव मस्जिदों, दरगाहों और अन्य वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान में दिए गए अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन करता है। विरोध के दौरान सदस्यों ने काली पट्टी बांधकर ओर काले कपड़े पहन कर अपनी नाराजगी जाहिर की और सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की।इत्तेहादुल मुस्लिमीन सोसायटी के अध्यक्ष जुबैर कुरैशी ने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे हैं। यह बिल हमारे समुदाय की विरासत और पहचान पर हमला है। हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।” प्रदर्शन के दौरान मौसीन कुरैशी, मेहमूद किलानिया, नासिर छींपा आसिफ फारूकी, मुबारिक रंगरेज, लतीफ लुहार, जमील, सब्बीर, अफराज, फ़यूम कुरैशी, व सोसायटी के पदाधिकारी सदस्यों द्वारा नारेबाजी भी की गई, जिसमें “वक्फ बिल वापस लो” जैसे नारे प्रमुख रहे।यह विरोध प्रदर्शन देशभर में वक्फ बिल के खिलाफ चल रहे आंदोलन का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पहले दिल्ली, पटना और अन्य शहरों में भी मुस्लिम संगठनों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए हैं। झुंझुनूं में यह पहला मौका है जब जुम्मातुल विदा के दिन इस तरह का संगठित विरोध देखा गया। सोसायटी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे आगे और बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस प्रदर्शन ने स्थानीय स्तर पर भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज कर दी है।