राजकीय चिकित्सालय में अनुबंध के अनुसार
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीकर जिला मुख्यालय पर राजकीय चिकित्सालय में संचालित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र पर पीपीपी मोड पर अनुबंध के करीब दो वर्ष बाद भी ‘इन विट्रो फर्टीलाइजेशन (आईवीएफ)’ यानी ‘टेस्टट्यूब पद्धति से गर्भधारण’ सेवा का संचालन प्रारम्भ नहीं करने वाली फर्म को नोटिस देकर सात दिन में जवाब मांगा गया है। नोटिस का संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर केन्द्र पर स्थापित फर्म के सभी उपकरण, मशीनें और परफोर्मेंस स्कि्योरिटी राशि जब्त कर ली जाएगी। हाल ही विभाग के विशेष सचिव एवं अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम एस.एल.कुमावत द्वारा इस केन्द्र के निरीक्षण के दौरान यह गड़बड़ी सामने आई थी। कुमावत ने 23 अप्रेल को एक राज्यस्तरीय दल के साथ प्रदेश में राजकीय चिकित्सालयों की सेवाओं में गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम’ के अन्तर्गत निरीक्षणों की श्रृंखला में इस अस्पताल का भी निरीक्षण किया था। जांच में सामने आया कि जिले के इस सबसे बडे़ राजकीय चिकित्सालय में आईवीएफ सेवा के लिए इच्छुक दम्पतियों का महीनों से केवल पंजीयन ही किया जा रहा था। पूछने पर सेंटर संचालक लाभान्वितों की जानकारी तक नहीं दे सका। दरअसल यहां उपकरण एवं मशीनों का संचालन ही प्रारम्भ नहीं किया गया था। विभाग के विशिष्ट शासन सचिव एवं मिशन निदेशक डॉ.समित शर्मा के निर्देश पर निदेशक जन स्वास्थ डॉ.वी.के.माथुर ने राजकीय चिकित्सालय सीकर के महिला एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र पर पीपीपी मोड में आईवीएफ सेंटर के लिए अनुबंध प्राप्त करने वाली फर्म मैसर्स प्रताप प्रसूता गृह, बीकानेर को नोटिस जारी कर सात दिवस में जवाब तलब किया है।