रामगंज में रहकर डॉक्टर बने, अब उतार रहे प्यार का कर्ज
चूरू,[पीयूष शर्मा] वैश्विक महामारी कोविड-10 कोरोना वायरस को हराने में कोरोना वॉरियर्स बन अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहे चिकित्सा कर्मियों के साथ चूरू का एक शख्स भी दिन रात जुटा है। जी हां हम बात कर रहे हैं कोरोना संक्रमण के के हॉट स्पॉट बन चुके जयपुर के रामगंज एरिया में तैनात डा. कादिर हुसैन की। ग्राम पंचायत लाखाऊ के गांव आसलू निवासी सेवानिवृत प्रधानाध्यापक हाजी बदरी खान उर्फ बदरुद्दीन भाटी के एकमात्र बेटे डा. कादिर हुसैन जयपुर में युनानी चिकित्सा निदेशालय में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
रामगंज के वाशिंदों के प्यार का कर्ज है मुझ पर – डा. कादिर हुसैन बताते हैं कि डॉक्टर बनने के लिए की गई पढ़ाई के दौरान सौ फीसदी मुस्लिम आबादी वाले रामगंज क्षेत्र में रहा था। उस दौरान यहां के वाशिंदों से मिले प्यार का आज भी कर्जदार हूं। अब कर्ज उतारने का समय आया है तो पीछे कैसे हट सकता हूं। यही सोचकर चिकित्सक साथियों के साथ दिन-रात कोरोना को हराने की जद्दोजहद में जुटा हूं।
संदिग्ध मरीजों का घर-घर करवाया सर्वे – डा. कादिर हुसैन ने बताया कि घाटगेट में स्क्रीनिंग टीम का नेतृत्व कर घर-घर जाकर संक्रमण के संदिग्ध मरीजों का सर्वे करवाया है। उसके बाद रेपिड रेस्पॉन्स टीम आरआरटी में काम कर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में सहयोग किया।
80 वर्षीय बुजुर्ग पिता भी कर रहे हौसलाफजाई – डा. कादिर हुसैन बताते हैं खुदा ने जनसेवा के लिए बनाया है तो उससे पीछे कैसे हट सकता हूं। मां इस दुनिया में नहीं है, मगर उनकी दुआओं के दम पर भी पूरे काम को जिम्मेदारी पूर्वक अंजाम दे पा रहा हूं। काम के दबाव के कारण मोबाइल से भी दिनभर परिवार से बात नहीं हो पाती। मगर देर शाम को जब जरा सा भी वक्त मिलता है तो 80 वर्ष के वालिद साहब से जरूर बात करता हूं। वे हौसलाफजाई करते हुए कहते हैं तूं केवल मेरा ही नहीं पूरे देश का बेटा है। अपनी तरफ से मरीजों की सेवा में कोई कसर ना छोडऩा। तो दिल को बड़ा सुकून मिलता है और मैं दोगुने उत्साह के साथ काम कर पाता हूं।