कमलेश तेतरवाल अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी झुंझुनू
झुंझुनू, राजस्थान प्रदेश में सबसे पहले झुंझुनू जिले में कोरोना के पॉजिटिव मरीज सामने आए। मार्च के शुरू में मंडावा कस्बे के दो विदेशी सैलानियों को पॉजिटिव पाया गया, उसके बाद झुंझुनू जिला मुख्यालय पर सबसे पहले इटली से लौटे हुए एक दंपति और उनकी छोटी बच्ची को कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो पूरे प्रदेश में भय का वातावरण पैदा हो गया। झुंझुनू जिला प्रशासन विशेषकर चिकित्सा व पुलिस विभाग की टीमों ने गजब का साहस दिखाते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की। पूरे झुंझुनू जिला मुख्यालय पर लॉक डाउन की स्थिति लागू की गई, लगभग आधे शहर में जिला कलेक्टर द्वारा कर्फ्यू घोषित कर दिया गया। ऐसी विपदा और भय के माहौल में भी झुंझुनू के नागरिकों ने धैर्य, साहस और संयम के साथ जिला प्रशासन का सहयोग करते हुए राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई सभी एडवाइजरीज का पालन किया। पूरे प्रदेश की नजरें झुन्झुनू पर थी कि अब क्या होगा ? प्रदेश में कहीं कोरोना केस नही मिले लेकिन झुंझुनू में तीन एक साथ आ गए। तेजी से ट्रांसमिशन वाली इस बीमारी को रोकने का एकमात्र उपाय सभी को सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना तथा अपने घरों में रहना ही है। प्रदेश में झुन्झुनू के नागरिकों ने जो अनुशासन और आदेशों का पालन करने की हिम्मत दिखाई उसी का नतीजा है कि आज झुंझुनू जिला प्रदेश में इस बीमारी को फैलने से रोकने में सबसे ज्यादा सफल रहा है। यहां अब तक केवल नो पॉजिटिव केस पाए गए हैं जिनमें से 8 विदेशों से आए हुए तथा एकमात्र स्थानीय नागरिक है जो कि तबलीगी जमात में जाकर आने से संक्रमित हुआ है। इन नौ में से भी शुरू के 6 मरीज ठीक हो चुके हैं, केवल तीन केस पॉजिटिव बचे है जिनका इलाज चल रहा है। इससे यह भी साबित होता है कि जो लड़ने की हिम्मत रखते हैं, जो धैर्य नहीं खोते हैं उनमें इम्यूनिटी पावर भी अधिक होता है और इसी वजह से झुंझुनू के सभी पॉजिटिव केस ठीक होते जा रहे हैं। साथ ही जो कम्युनिटी स्प्रेड का डर है उसे यहां की जनता ने बहुत हिम्मत के साथ रोक रखा है। इसके अलावा झुंझुनू की जनता की जंग दूसरे मोर्चों पर भी जारी है। सबसे पहले झुंझुनू में ही कर्फ्यू लागू हुआ, पूरे जिले में धारा 144 लागू की गई। फिर प्रदेश सरकार व प्रधानमंत्री द्वारा इक्कीस दिन का लॉक डाउन घोषित कर दिया गया। ऐसी स्थिति में झुंझुनू जिला प्रशासन ने अपने सूझबूझ भरे फैसलों से आमजन को अपने साथ जोड़ लिया तथा झुंझुनू में पुलिस, चिकित्सा एवं अन्य राजकीय विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग के लिए यहां की जनता कंधे से कंधा मिलाकर जुट गई। यहां के मीडिया कर्मियों ,भामाशाहों, व्यापारियों,किसानों ,स्वयंसेवी संगठनों व अनेक स्वयंसेवकों ने अपना योगदान देना शुरू किया। गरीब, मजदूर, जरूरतमंदों को जहां रसद सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है वही हमारे कोरोना योद्धाओं के लिए मास्क, सैनिटाइजर व अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। झुंझुनू का प्रत्येक नागरिक अपने आप को इस लड़ाई में एक योद्धा के रूप में खड़ा करने में सफल रहा है। इसी का नतीजा है कि झुंझुनू आज कोरोना से जंग करते हुए विजय की ओर अग्रसर है। उम्मीद है कि देश की रक्षा के लिए जिस प्रकार हमेशा झुंझुनू के वीरों को अग्रणी माना जाता है उसी प्रकार जब इतिहास लिखा जाएगा तो इस कोरोना की जंग में भी झुंझुनू का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा जहां के लोगों ने बिना किसी भय के अपनी हिम्मत और धैर्य के साथ इस वैश्विक महामारी का मुकाबला किया है।